नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नया अवतार काफी कुछ बदला हुआ है। अब उन्होंने तय किया है कि वो सप्ताह में 1 दिन आम नागरिकों से मिलेंगे। RAHUL GANDHI का यह JANTA DARBAR 24 अकबर रोड, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (AICC) के कार्यालय में ही लगेगा। इतना ही नहीं सप्ताह में 2 दिन वो CONGRESS के आंचलिक नेताओं (ZONAL LEADERS) से भी मिलेंगे। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी अब एक कॉकस की गिरफ्त में रहना नहीं चाहते। वो रिस्क लेंगे और परिणामों की जिम्मेदारी भी।
सोनिया गांधी के समय हमेशा से यह आरोप लगते रहे हैं कि वो जनता से कटती जा रहीं हैं और वो केवल एक ही तरह के नेताओं से मिलती रहतीं हैं और उन्हीं से फीडबैक लेती रहतीं हैं। राहुल गांधी पर भी इसी तरह के आरोप लगते थे। कई कांग्रेसी नेताओं ने यह खुली शिकायत की कि राहुल गांधी के लिए उन्होंने एक हफ्ते इंतजार किया मगर वक्त नहीं मिला। कुछ इसी तरह की शिकायतों और तमाम मत विरोधों के बाद हिमंत विश्व शर्मा असम में कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में चले गए और वहां बीजेपी की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाई। उस वक्त यह भी कहा गया था कि राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं से ज्यादा वक्त अपने पालतू कुत्ते को देते हैं।
अब इस बदलाव से जहां राहुल को यह जानने का मौका मिलेगा कि हरेक राज्य की समस्या क्या हैं और इस बारे में वहां के स्थानीय नेता क्या चाहते हैं। इससे राहुल गांधी को कम से कम ये तो पता चलेगा कि किन राज्यों में संगठन के लिए क्या किया जाना चाहिए। कांग्रेस के साथ दिक्कत यह है कि हरेक राज्य में पार्टी में कई गुट हैं जो एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश करते रहते हैं। इनमें से हरेक गुट की बात राहुल गांधी तक नहीं पहुंच पाती है जिससे आखिरकार पार्टी को ही नुकसान होता है।