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आधे रेल यात्रियों के टिकट हर हाल में महंगे ही होंगे | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। देश भर की जनता टैक्स अदा करती है ताकि सरकार उन्हे सस्ती सुविधाएं उपलब्ध कराए। भारतीय रेल ऐसी ही एक सुविधा का नाम था परंतु अब भारतीय रेल विभाग प्राइवेट कंपनी की तरह काम करने लगा है। रेल विभाग ने दर्जनों ऐसे तरीके खोज निकाले हैं जो आपके टिकट को सामान्य से महंगा कर देंगे। यदि आप लोअर सीट ले रहे हैं, यदि आप विंडो सीट पर हैं, यदि आपने शुरूआत के 10 प्रतिशत यात्रियों के साथ बुकिंग नहीं कराई है। यदि आप ऐसा चाहते हैं, यदि आप वैस चाहते हैं, यदि आप देरी से हैं, यदि आप जल्दी चाहते हैं तो आपको दोगुना किराया चुकाना होगा। बहाने हजार, यात्री एक, किसी ना किसी में फंस ही जाएगा। 

दिन में उतरेंगे तो टिकट महंगा
रेलवे अब हवाई जहाज की तरह फ्लेक्सी फेयर प्लान लेकर आ रहा है। इसके तहत यदि आप किसी ऐसी ट्रेन का चुनाव कर रहे हैं जो आपको आपके ठिकाने पर दिन के समय उतारेगी तो आपको ज्यादा किराया देना होगा। यदि आप ऐसी ट्रेन चुनते हैं जो आपको रात के वक्त आपके डेस्टिनेशन पर उतारेगी तो आपको सामान्य किराया देना होगा। 

त्यौहारों में अचानक बढ़ा देंगे किराया
इसी तरह से रेलवे ने तय किया है कि त्योहारों के दौरान वो कभी भी किराया बढ़ा सकते हैं। पिछले साल दिसंबर में इंडियन रेलवे ने इस कमिटी का गठन किया था और हाल ही में कमिटी ने रेलवे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हालांकि पहले कयास लगाए जा रहे थे कि फ्लेक्सी फेयर को समाप्त किया जा सकता है लेकिन कमिटी ने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है। इससे यह माना जा रहा है कि फ्लेक्सी फेयर अभी रेलवे जारी रखेगा।

चार्ट बनने के बाद खाली सीटों पर डिस्काउंट मिलेगा
अपनी इस रिपोर्ट में कमिटी ने कहा है कि अगर चार्ट बनने के बाद भी ट्रेन में सीटें खाली रह जाती हैं तो रेलवे उन सीटों पर डिस्काउंट दे सकता है, जिससे कि ट्रेन की सीटें खाली न जाएं बल्कि उससे भी उन्हें कुछ आमदनी हो जाए।

जल्द एयरलाइंस जैसे होगा रेलवे का मॉडल
इंडियन रेलवे का कहना है कि कमिटी ने जो सिफारिश की है, उसके मुताबिक रेलवे भी एयरलाइंस की तर्ज पर धीरे-धीरे टिकट के दाम बढ़ाएगा. अभी रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों में 50 फीसदी तक की टिकट तो बेस फेयर पर ही मिल जाती है लेकिन उसके बाद हर 10 फीसदी सीटों पर 10 फीसदी किराया बढ़ा दिया जाता है. जबकि एयरलाइंस बेस फेयर पर एकसाथ 50 फीसदी सीटें नहीं देता. वह धीरे-धीरे किराया बढ़ाता है. कमिटी भी यह चाहती है कि इसी तरह से धीरे-धीरे किराया बढ़े यानी रेलवे को इससे घाटा तो नहीं होगा लेकिन ऐसा भी नहीं होगा कि आखिरी 50 फीसदी सीटों की बुकिंग कराने वाले यात्रियों पर ही किराए का भारी बोझ पड़ जाए.

लोअर बर्थ और विंडो सीटों पर होगा एक्स्ट्रा चार्ज
इसी तरह से कमिटी ने यह भी कहा है कि रेलवे प्रीमियम सीटों को भी एयरलाइंस की तरह बेचे यानी आगे की सीटों, कार्नर और विंडो सीट के लिए कुछ चार्ज लगा दिया जाए जबकि साइड बर्थ के लिए अतिरिक्त चार्ज न लिया जाए. लेकिन बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को लोअर सीट देने के लिए अतिरिक्त चार्ज न लिया जाए. इस तरह से रेलवे को ऐसी सीटों से भी खासी आमदनी हो सकती है.

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