नई दिल्ली। अमेरिका और पाकिस्तान में तनाव बढ़ता जा रहा है। यूएस ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1626 करोड़ रुपए की मिलिट्री एड रोक दी थी। उसने और सख्त कदम उठाने की वॉर्निंग भी दी थी। गुरुवार को यूएस ने कहा कि पाकिस्तान को अगर हमसे पैसा चाहिए या तो उसे उस लायक बनना होगा। वहीं, पाकिस्तान का रिएक्शन भी आया। पाकिस्तान आर्मी ने कहा- अगर अमेरिका हमारे देश के खिलाफ कोई एक्शन लेता है तो उसका जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ने कहा- अमेरिका अब पाकिस्तान को अपने इशारों पर नहीं चला सकता।
यूएस ने क्या कहा?
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की स्पोक्सपर्सन हीदर नॉर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को पैसा चाहिए तो उसे हासिल करने लायक बनना होगा। उन्होंने कहा कि हम ये नहीं कहना चाहते कि पाकिस्तान को ज्यादा कोशिशें करनी चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान जानता है कि उसे क्या करना चाहिए। उसे मदद पाने लायक बनना हागा। हमने अतीत में पाकिस्तान को मिलिट्री मदद दी थी। अब पाकिस्तान को यह दिखाने की जरूरत है कि वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में ईमानदारी बरत रहा है।
पाक ने कहा- जनता की उम्मीदों के मुताबिक जवाब देंगे
दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी के बीच पहली बार पाकिस्तान आर्मी का रिएक्शन आया। इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन्स (ISPR) के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बुधवार रात छोटा, लेकिन सख्त बयान दिया। बता दें कि ISPR पाक आर्मी का मीडिया विंग है। गफूर इसके चीफ हैं। गफूर ने कहा- अगर अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करता है तो अवाम की उम्मीदों के मुताबिक ही उसे जवाब दिया जाएगा। हालांकि, गफूर ने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
क्या मायने हो सकते हैं इस बयान के?
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना पर हक्कानी नेटवर्क और तालिबान हमले करते हैं। हमले के बाद ये आतंकी पाकिस्तान में मौजूद अपनी पनाहगाहों में छुप जाते हैं। इन आतंकियों के खिलाफ अमेरिका ड्रोन हमले करता है। पाकिस्तान इसका विरोध करता है। अब पाकिस्तान अमेरिकी ड्रोन हमलों के खिलाफ इन्हें मार गिराने जैसी कार्रवाई कर सकता है। पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाने वाली अमेरिकी सैनिकों की रसद रोकी जा सकती है। ये पहले भी हो चुका है।
डिफेंस मिनिस्टर का भारत पर आरोप
पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर खुर्रम दस्तगीर का भी बयान आया। उन्होंने कहा- अब यह मुमकिन नहीं है कि अमेरिका हमारे देश को अपने इशारों पर चलने के लिए मजबूर कर सके। हाफिज सईद के जमात-उद-दावा पर उन्होंने कहा - इसका अमेरिका से कोई लेना-देना नहीं है। खुर्रम ने आरोप लगाया कि भारत अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमलों के लिए कर रहा है। अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ हालिया रवैया इसलिए अपनाया, क्योंकि भारत सीपैक का विरोध कर रहा है।