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उन्होंने कहा, "अगर पूछा जाए कि भारतीय कैसे सुरक्षित हैं तो मैं कहूंगा कि देश में संविधान है, लोकतंत्र है, सेना है और यहां आरएसएस भी है। थॉमस ने आपातकाल से बाहर निकालने के लिए भी आरएसएस की तारीफ की। उनके मुताबिक, धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा का मतलब सिर्फ अल्पसंख्यक ही नहीं, बल्कि हरेक व्यक्ति की रक्षा करना है। उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए आयोग बनाए जाने को लेकर भी सवाल उठाए।
बता दें कि केटी थॉमस का लंबे समय से आरएसएस के प्रति झुकाव रहा है। वे उस कैंपेन को खत्म करने की अपील भी कर चुके हैं, जिसमें महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराए जाने की बात कही जाती रही है।
आरएसएस द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में थॉमस कह चुके हैं कि 1979 में उनका झुकाव आरएसएस के प्रति हुआ। उस दौरान कोझीकोड़े बतौरा डिस्ट्रिक जज उन्होंने संगंठन की 'सादा जीवन-उच्च विचार' शैली को नजदीक से देखा। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, "मैं ईसाई हूं। मैं ईसाई पैदा हुआ और इसी धर्म को मानता हूं। मैं चर्च भी जाता हूं लेकिन मैंने आरएसएस से कई चीजें सीखी हैं।