लखनऊ। मंगलवार को यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार व RSS के बीच बेहतर समन्वय पर मंथन हो रहा था, उसी सुबह काकोरी में RSS के एक स्वयंसेवक व भाजपा के बूथ अध्यक्ष बिहारी लाल रावत की डंडों से पीटकर हत्या कर दी गयी। इसके बाद हत्यारों ने शव एक पेड़ पर ले जाकर टांग दिया। जिससे गांव में तनाव फैल गया। सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए। बताया गया है कि बिहारीलाल एक आदर्श स्वयं सेवक थे। वाहन के नाम पर उनके पास मात्र एक साइकिल थी। वो बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे एवं क्षेत्र में उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। घटना की जानकारी लगने पर पुलिस के साथ ही मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर मौके पर पहुंचे। लोग वारदात के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे थे।
बिहारी की पत्नी विश्व कांति रावत की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में अजमतनगर निवासी विशाल यादव पर हत्या करने का शक जाहिर किया गया है। बताया जा रहा है कि काकोरी के करधन गांव निवासी बिहारी लाल रावत (45) काकोरी में कोचिंग चलाते हैं। सुबह करीब साढ़े सात बजे वह अपनी साइकिल से कोचिंग जाने के लिए निकले थे। बिहारी लाल के घर से निकलने के बाद उनका बेटा आशीष भी साइकिल से पढ़ने जा रहा था।
सड़क पर मिली साइकिल, खून के निशान से पहुंचे शव तक
घर से एक किलोमीटर दूर पहुंचने पर आशीष ने पिता की साइकिल और खून सड़क पर पड़ा देख किसी अनहोनी की आशंका से उन्हें आस-पास आवाज लगाई, लेकिन जवाब नहीं मिला। इसके बाद बेटे ने उनके मोबाइल फोन पर कॉल कि तो वह भी स्विच ऑफ था। जिस पर आशीष ने इसकी जानकारी घर पर दी।
घात लगाकर हुई हत्या
घरवालों की खोजबीन में बिहारी की साइकिल एक आम के बाग में मिली। वहीं पेड़ से गमछे के सहारे बिहारी लाल का शव लटकता हुआ दिखा। बिहारी लाल का शव धीरे-धीरे नीचे खिसक रहा था पैर जमीन के करीब पहुंच गए था। शव के कई हिस्सों से खून निकल रहा था। समझा जा रहा है कि पहले से घात लगाए हत्यारों ने सड़क पर उन्हें रोककर डंडों से पीटते हुए सौ मीटर की दूरी पर स्थित बाग में ले गए होंगे। रास्ते में मिला उनका मफलर और जगह खून के कतरे और संघर्ष के निशान भी इस बात की गवाही दे रहे थे।
तीन से चार मानी जा रही हत्यारों की संख्या
घटनास्थल पर करीब आधा दर्जन आम और यूकिल्प्टिस के डंडे पड़े थे। जिससे आशंका जताई जा रही थी कि कम से कम तीन से चार हत्यारों ने बिहारी लाल की पीट-पीटकर हत्या करने के बाद शव को पेड़ से लटका दिया होगा। हालांकि उसकी मौत पिटाई से हुई या फिर फंदे पर लटकने से इसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हो पाएगी। वहीं उनका मोबाइल और पर्स भी मौके से गायब था।
RSS में सक्रिय रहे बिहारी लाल
गांव वालों के अनुसार बिहारी लाल राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के स्वयं सेवक थे। वह काकोरी खण्ड के धर्म प्रचारक बनाया गया था। हत्या की जानकारी लगने पर भाजपा नेताओं के साथ ही संघ से जुड़ें लोग भी उनके घर पहुंचे।
ग्रामीणों ने कहा, सीधे थे बिहारी लाल
मौके पर जुटे गांव वाले बिहारी लाल की हत्या से स्तब्ध थे। लोगों का कहना था कि वह किसी से नहीं उलझते थे। -गांववालों के प्रति उनका व्यवहार भी अच्छा था। बिहारी लाल के घर में उनकी मां व पत्नी के अलावा दो बेटे भी हैं, सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। बिहारी लाल भाजपा के बूथ अध्यक्ष होने के साथ ही कर्मठ व्यक्ति थे। डॉ. सतीश कुमार, एएसपीआरए ने मौके पर पहुंचकर घटना का जल्द ही खुलासा करने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद घटना के 12 घंटे बाद ही पुलिस ने आरोपी विशाल यादव को अरेस्ट कर लिया।