नई दिल्ली। PM MODI विरोधियों के लिए ना तो BJP में कोई जगह है और ना ही RSS या उसके अनुषांगिक संगठनों में। यह संदेश और स्पष्ट होने वाला है, क्योंकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया, भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय और वीएचपी के अध्यक्ष राघव रेड्डी को उनके पद से मुक्त करने की योजना बना ली है। जल्द से तीनों नेताओं से राम राम कर ली जाएगा।
TIMES OF INDIA के अनुसार, आरएसएस के पदाधिकारी यह देखकर खुश नहीं हैं कि ये तीन लोग सरकार को शर्मिंदा कर रहे हैं। इतना ही नहीं दोनों संगठन संघ की बदलती विचारधारा के साथ नहीं चल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, VISHWA HINDU PARISHAD की कार्यकारी बैठक फरवरी के अंत तक आयोजित की जाएगी, जहां पर आरएसएस परिषद के फिर से चुनाव करने को लेकर दवाब बनाएगा ताकि RAGHAV REDDY को हटाकर नए अध्यक्ष का चुनाव किया जा सके। इसके साथ ही रेड्डी के PRAVEEN TOGADIA समेत अन्य समर्थकों को भी हटाने की पूरी योजना बनाई जा रही है। आरएसएस ने उन सभी लोगों को संघ से बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय लिया है, जो कि बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सामने आए हैं।
संघ चाहता है कि उनके संगठन सरकार के साथ टकराव करने से बचें और अगर कोई मतभेद हैं तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह 2019 के आम चुनाव हैं। आपको बता दें कि हाल ही में प्रवीण तोगड़िया ने आरोप लगाया था कि उन्हें पुलिस एंकाउंटर में मारने की योजना बनाई जा रही है। इससे पहले भी तोगड़िया और VIRJESH UPADHYAY BMS बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और पीएम मोदी को कई मुद्दों को लेकर उनके खिलाफ बोल चुके हैं। इसके अलावा उन अधिकारियों की भी जांच की जा रही है, जिन्होंने पाटीदार कोटा प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया था।