इंदौर। सड़क हादसे में चार मासूमों की मौत से जहां पूरा इंदौर गमगीन है, वहीं आरटीओ डॉ. एमपी सिंह ने इस मामले में हंसते हुए बातचीत की। बस में स्पीड गवर्नर लगा हुआ था। बावजूद इसके बस की स्पीड 80 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इस मामले में जब एडीजी विजय कटारिया ने आरटीओ एमपी सिंह से वाल किया तो आरटीओ ने हंसते हुए कहा कि परिवहन विभाग में सॉफ्टवेयर धीरे-धीरे अपडेट हो रहे हैं। अगर इसी दौरान यह हादसा हो गया है तो हमारी कहां गलती है? बता दें कि दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस एक्सीडेंट में 5 बच्चों एवं ड्रायवर की मौत हो चुकी है जबकि 8 अभी भी अस्पताल में गंभीर हालत में हैं।
दरअसल, हादसे की जांच के लिए ट्रैफिक एडीजी विजय कटारिया शनिवार को बायपास स्थित घटना स्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने डिवाइडर की ऊंचाई और चौड़ाई मापी। इसके बाद वह दुर्घटनाग्रस्त बस का मुआयना करने कनाड़िया थाने पहुंचे। स्पीड गवर्नर लगा होने के बावजूद बस की स्पीड बहुत ज्यादा होने को लेकर उन्होंने बात की तो आरटीओ ने हंसते हुए कहा कि परिवहन विभाग में सॉफ्टवेयर धीरे-धीरे अपडेट हो रहे हैं। अगर इसी दौरान यह हादसा हो गया है तो हमारी कहां गलती है? पीथमपुर की किसी कंपनी के टेक्नीशियन को बस की जांच के लिए बुलाएंगे।
हाईकोर्ट में याचिकाएं, आरटीओ पर हो कार्रवाई
हादसे में चार बच्चों की मौत के मामले में स्कूल प्रबंधन और आरटीओ पर कार्रवाई और हादसा रोकने के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं शनिवार को दायर की गई। इनमें डीपीएस स्कूल प्रबंधन, आरटीओ, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, कलेक्टर और शिक्षा विभाग को पक्षकार बनाया है। दायर याचिकाओं में कहा है कि स्कूली बसें पांच वर्ष से अधिक पुरानी न हों, फीस नियंत्रण हो, गति सीमा 40 किमी प्रति घंटे से अधिक न हो, प्रत्येक बस में दो-दो महिला-पुरुष अटेंडर हों।