नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (STATE BANK OF INDIA) द्वारा न्यूनतम बैलेंस (MINIMUM BALANCE) ना होने के कारण वसूले गए हजारों करोड़ रुपए के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसका असर यह हुआ कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) सेविंग बैंक अकाउंट्स (SAVING BANK ACCOUNT) में न्यूनतम बैलेंस की सीमा को कम करने की योजना बना रहा है। शुक्रवार को यह जानकारी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आई हैं। अगर एसबीआई ऐसा करता है तो उसकी ओर से एसबीआई ग्राहकों को यह नए साल का दूसरा तोहफा होगा।
मिनिमम बैलेंस पर क्या हैं मौजूदा चार्ज:
वर्तमान समय में एसबीआई अपने ग्राहकों से उनके सेविंग अकाउंट में एक निश्चित मिनिमम बैलेंस न रखने पर शुल्क वसूल रहा है। मेट्रो शहरों के लिए अपने खाते में 3000 रुपए का न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य है। वहीं सेमी अर्बन (अर्ध शहरी क्षेत्रों) इलाकों के लिए यह राशि 2,000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इसकी राशि 1000 रुपए निर्धारित है। आपको बता दें कि छह साल के लंबे अंतराल के बाद एसबीआई ने 1 अप्रैल 2017 को मिनिमम एवरेज बैलेंस (न्यूनतम औसत शेष राशि) के शुल्क को फिर से शुरू किया था।
नए साल के तोहफे के तौर पर अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने हाल ही में अपनी बेस रेट और बेंच मार्क प्राइम लेंडिंग रेट में 30 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने की घोषणा की थी। एसबीआई की ये नई दरें 1 जनवरी 2018 से ही लागू होंगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी बेस रेट को 8.95 फीसद से घटाकर 8.65 फीसद कर दिया है और बीपीएलआर को 13.70 फीसद से घटाकर 13.40 फीसद कर दिया है। इसका फायदा एसबीआई के मौजूदा ग्राहकों को मिलेगा। एसबीआई के इस फैसले से करीब 80 लाख ग्राहकों को फायदा होगा।
एसबीआई ने 31 मार्च 2018 तक होम लोन की प्रोसेसिंग फीस पर चल रही छूट में भी इजाफा कर दिया है। इसका फायदा नए ग्राहकों के साथ साथ ऐसे ग्राहकों को भी मिलेगा जो कि अपने मौजूदा लोन को एसबीआई में ट्रांसफर करवाना चाहते हैं।