
यह विवाद हुए
चार्ज लेने के कुछ दिन बाद ही अधिवक्ता रवि सावदकर और एसडीएम हिमांशु चंद्र के बीच एक अपील को लेकर विवाद हो गया। सावदकर की ऊंची आवाज से नाराज होकर एसडीएम ने सैनिकों की मदद से उन्हें बाहर कर दिया था, विरोध में वकीलों ने नारेबाजी की, उस वक्त अफसर ने कहा था कि अब कोई दिक्कत नहीं होगी सामंजस्य बनाकर काम किया जाएगा।
कुछ दिन पहले शहर के ऐतिहासिक श्री राम विवाह में भजन-कीर्तन के लिए चल रहे लाउड स्पीकर को ध्वनि प्रदूषण बताकर एसडीएम ने पुलिस की मदद से जब्त करा दिया। खास बात यह कि बारात और मैरिज गार्डनों में रोजाना कानून का मखौल उड़ाया जा रहा है। राम विवाह में व्यवधान करने से हिन्दू संगठनों ने भी नाराजगी जताई थी।
अधिवक्ता प्रताप सिंह के वकालतनामे को एसडीएम ने सिर्फ इसलिए खारिज कर दिया चूंकि वकील ने उस पर तारीख नहीं लिखी थी, तारीख मौके पर एसडीएम भी लिखवा सकते थे, लेकिन उन्होंने नया वकालतनामा तैयार करने को कहकर सुनवाई नहीं की।
प्रोवेजनरी कोटे में है इटारसीः
दरअसल मप्र कैडर से हर बैच में चयनित आईएएस रैंक के युवा अफसरों को परीवीक्षा अवधि में एसडीएम बनाकर प्रशिक्षण दिया जाता है। जिले में पिपरिया और इटारसी अनुविभाग को इसके लिए आरक्षित करने की वजह से यहां हर साल कोई न कोई प्रोवेजनरी पीरियड का अफसर पदस्थ रहता है। इससे पहले यहां धनराजू एस, षडमुख प्रिया मिश्रा एवं कई अफसर प्रशिक्षण ले चुके हैं। यह पहला मौका है जब एसडीएम चार्ज लेने के बाद से लगातार विवादों में घिरे हुए थे, और वकीलों के अलावा कई लोगों से टकराव के हालात निर्मित हो चुके थे।