भोपाल। अब तेज गति के कारण होने वाले हादसे नहीं होंगे क्योंकि मप्र पुलिस स्पीड गन से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा देंगे। वाहन चालक चाहकर भी अपने वाहन को निर्धारित से ज्यादा स्पीड नहीं नहीं दौड़ा पाएगा। इंदौर बस हादसे के बाद मप्र के गृह विभाग ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। स्पीड गन की कीमत 2 से 5 लाख के बीच है। मप्र पुलिस शुरूआत में 200 गन खरीदने की तैयारी कर रही है। हालांकि आॅनलाइन शॉपिंग साइट्स पर यह 30 से 50 हजार के बीच मिल रही है।
मप्र सरकार ने स्कूल बसों की रफ्तार 40 किमी प्रतिघंटा निर्धारित कर दी है। अब बेलगाम दौड़ने वाले वाहनों को रोकने के लिए सरकार स्पीड गन एवं रडार (डॉप्लर) खरीदने जा रही है। 2 से पांच लाख रुपए कीमत वाली यह 200 गन खरीदने के लिए अपर मुख्य सचिव गृह केके सिंह ने मंजूरी दे दी है। इन्हें गृह और परिवहन विभाग खरीदेंगे।
अभी स्पीड गन एवं रडार का उपयोग मेट्रो शहरों में हो रहा है। बी ग्रेड के शहरों में इसका उपयोग करने वाला मप्र संभवत: पहला राज्य होगा। दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में पुलिस ओवरस्पीड रोकने के लिए इसे काफी समय से इस्तेमाल कर रही है। इस गन का इस्तेमाल क्रिकेट की बॉलिंग स्पीड, टेनिस और बेस बॉल की स्पीड नापने में भी किया जाता है।