नई दिल्ली। क्या कभी ऐसा भी होता है कि कोई सपरिवार सुसाइड पाइंट घूमने के लिए जाए। हां, होता है, ऐसा भी होता है। हिमाचल का शिमला-तिब्बत हाइवे दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में शुमार है। इसी हाइवे पर कबायली जिले में किन्नौर में रिकांगपिओ से 10 किमी दूर एक ऐसी जगह है जिसे सुसाइड प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। हालांकि इस प्वाइंट से किसी ने आज तक सुसाइड नहीं किया, लेकिन यहां पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। उनके लिए इस ऊंचाई और पहाड़ की कटाई को देखना रोमांचकारी होता है। किन्नौर जिला में यह सुसाइड प्वाइंट समुद्र तल से 2990 मीटर की हाईट पर है।
शिमला-किन्नौर नेशनल हाइवे पर सुसाइड प्वाइंट टूरिस्ट्स के आकर्षण का केंद्र है। रोड के किनारे लगभग 90 डिग्री पर गहरी खाई होने के कारण इसे सुसाइड प्वाइंट भी कहा जाता है। यह हाईवे दुनिया की खतरनाक सड़कों में शुमार है। हाईवे चारों और से पहाड़ों से घिरा हुआ है। पहाड़ों को 90 डिग्री पर काट कर भी सड़क का निर्माण किया गया है। सड़क के किनारों पर कई मीटर लंबी गहरी खाइयां हैं। हादसा होने पर यहां गाड़ियों के परखचे उड़ जाते हैं, और किस्मत से लोग बच पाते हैं। इस रोड़ पर चलने वाली हिमाचल परिवहन निगम की बसों का ही आज तक कोई एक्सिडेंट नहीं हुआ है, जबकि कई निजी वाहन अनयंत्रित होकर खाइयों में गिर जाते हैं।
किन्नौर में हर साल लगभग दस हजार टूरिस्ट आते हैं और इसी हाइवे पर फेमस सुसाइड प्वाइंट पर थोड़ी देर के लिए जरूर रुकते हैं। दैनिक भास्कर की टीम को इस जगह के फोटो करने के लिए खाई के सामने वाले छोर पर जाना पड़ा। दूर से जब फोटो क्लिक किए जा रहे थे तो कुछ लोग बस की छत पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। बस की छत पर चढ़ने के बाद वे खड़े होकर खाई की गहराई को देख रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि टूरिस्ट सड़क के किनारे जा कर गहरी खाई को देखने की भी कोशिश करते हैं। भले ही इस जगह को सुसाइड प्वइंट कहते हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि यहां आज तक किसी ने खुदकुशी का दुस्साहस नहीं किया। कल्पा के एसडीएम डॉ. अवनिंदर कुमार कहते हैं कि हम यहां रुकने की सलाह नहीं देते, क्योंकि इसमें खतरा है।