नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच रिश्ते अभी सुधरे नही हैं. कुछ समय बॉर्डर पर शांत रहने के बाद CHINA ने एक बार फिर वहां पर हरकत करनी शुरू कर दी है. नॉर्थ डोकलाम इलाके में चीनी सैनिकों (CHINA ARMY) की हलचल पिछले कुछ दिनों में बढ़ी है, जिसपर भारतीय जवान अपनी कड़ी निगाहें बनाए हुए हैं. अभी हाल ही में आर्मी चीफ बिपिन रावत (INDIAN AMRY CHIEF BIPIN RAWAT) ने चीन को लेकर भी बड़ा बयान दिया था, उनका कहना था कि अगर चीन ताकतवर है तो हम भी कम नहीं हैं.
TIMES OF INDIA में छपी एक रिपोर्ट की मानें, तो भारतीय सुरक्षाबलों को डर है कि चीन एक बार फिर DOKLAM में अपनी घुसपैठ तेज कर सकता है. इसका एक बड़ा कारण उस इलाके में सर्दी कम होना है, जैसे ही ठंड में कमी आएगी चीनी सैनिकों की हलचल बढ़ सकती है. रिपोर्ट की मानें, तो इसके लिए नॉर्थ डोकलाम में कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाया गया है. इसलिए भारतीय सेना अभी वेट एंड वॉच की नीति अपना रही है.
खबर के मुताबिक, उस इलाके में करीब 1600 चीनी सैनिक नॉर्थ डोकलाम के इलाके में मौजूद हैं. सैटेलाइट इमेज के जरिए वहां पर हेलीपैड, शेल्टर, हथियार, चीनी टैंक की मौजूदगी पाई गई है. ऐसे में यह बॉर्डर पर एक बार फिर तनातनी बढ़ा सकता है.
बिपिन रावत ने दिया था कड़ा बयान
आपको बता दें कि हाल ही में जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान के साथ लगती सीमा के साथ-साथ पूर्वी सीमा पर भी ध्यान देने की जरूरत है. जनरल ने कहा था कि चीन अगर मजबूत है तो भारत भी अब कमजोर नहीं है. भारत अपनी सीमा पर किसी भी देश को अतिक्रमण नहीं करने देगा. अब हालात 1962 जैसे नहीं है. हर क्षेत्र में भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है. रावत ने यह भी कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास बीजिंग की ओर से दबाव बनाया जा रहा है.
चीन को लगी थी मिर्ची!
आपको बता दें कि बिपिन रावत के इस तरह के बयान से चीन भड़क गया था. चीन का कहना था कि जनरल का बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएगा. चीन ने आरोप लगाया कि ऐसे बयानों से सीमा पर हालात और तनावपूर्ण होंगे. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि ऐसी कोशिशों के बीच भारत के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से ऐसी टिप्पणी रचनात्मक नहीं है. यह बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतार सकती है.
पुराना है डोकलाम विवाद!
बता दें कि पिछले साल भी डोकलाम को लेकर दोनों देशों के रिश्ते काफी बिगड़ गए थे. डोकलाम इलाके में भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच 72 दिनों तक गतिरोध चला था. इस दौरान दोनों देशों के बीच माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था. यह विवाद सड़क बनाने को लेकर ही शुरू हुआ था. भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों को इस इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच करीब 72 दिन तक गतिरोध चलता रहा. हालांकि इसको दोनों देशों ने सुलझा लिया था और चीन सेना अपने क्षेत्र में वापस लौट गई थी.