अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को एक म्यूजियम ने सोने से बना टॉयलेट देने की पेशकश की है। बताया गया है कि यह 18 कैरेट गोल्ड से बना हुआ ठोस टॉयलेट है जिसे उपयोग भी किया जा सकता है। मजेदार बात यह है कि म्यूजियम ने इस टॉयलेट का नाम 'अमरीका' रखा है। इस टॉयलेट को अमेरिका के अमीरों पर व्यंग्य के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है। ट्रंप ने इस म्यूजियम से एक पेंटिंग की मांग की थी। प्रबंधन ने उसे देने से इंकार कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने न्यूयॉर्क के गुगेनहाइम म्यूज़ियम से व्हाइट हाउस में लगाने के लिए वेन गॉग की पेंटिंग 'लैंडस्केप विद स्नो' की मांग की थी लेकिन म्यूज़ियम ने पेंटिंग देने से मना कर दिया और इसके बदले सोने का टॉयलेट देने की पेश की है। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, म्यूज़ियम ने व्हाइट हाउस को वान गोघ़ की पेंटिंग न दे पाने के लिेए माफ़ी मांगी है लेकिन गुगेनहाइम म्यूज़ियम ने इसके बदले '18 कैरेट सोने से बना हुए ठोस टॉयलेट' को देने का विकल्प सुझाया है।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, म्यूज़ियम की अध्यक्ष नैंसी स्पेकटर ने बीते सितम्बर में व्हाइट हाउस की ओर किए गए अनुरोध का जवाब दिया। उन्होंने मेल में लिखा, " मैं खेद के साथ आपको सूचित करती हूं कि ये पेंटिंग म्यूज़ियम के थन्नहॉज़र कलेक्शन का हिस्सा है और हम इसे उधार नहीं दे पायेंगे। ख़ास मौकों के अलावा ये पेंटिंग बाहर नहीं भेजी जाती है।
उन्होंने ई-मेल में आगे लिखा कि 1888 में बनाई गई वेन गॉग की पेंटिग सहयोगी संस्थानों में मालिकों की अनुमति से प्रदर्शित की जाएगी। संग्रहालय की अध्यक्ष ने जानकारी दी कि इटली के कलाकार मॉरिट्ज़ियो कैटेलान का बनाया सोने का टॉयलेट व्हाइट हाउस को 'लंबे समय के लिए' दिया जा सकता है। "यह काफ़ी मूल्यवान और नाज़ुक है लेकिन हम इसे लगाने और इसकी देखभाल के लिए तमाम जानकारियां दे सकते हैं।
इस गोल्डन टॉयलेट का नाम अमरीका रखा गया है। अमरीका में इसे अमीरों के इस्तेमाल करने के लिए एक व्यंग्य के रूप में देखा जाता है। नुमाइश में चालू स्थिति में रखे गए टॉयलेट का नाम 'अमरीका' है और इसे अमरीका की जरुरत से ज्यादा दौलत के लिए व्यंग के तौर पर देखा जाता है। अमरीका में राष्ट्रपतियों और उनकी पत्नियों का व्हाइट हाउस के विभिन्न कमरों को सजाने के लिए प्रमुख कलाकृतियों को मंगाना आम है।