भोपाल। मध्यप्रदेश में 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हो गई है। सभी सरकारी अस्पतालों पर इसका सीधा प्रभाव दिखाई दे रहा है। जांच एवं दूसरी प्रक्रियाएं प्रभावित हो रहीं हैं। हड़ताल की वजह से टीबी की जांच, दवा के वितरण समेत दूसरे प्रशासनिक कामकाज ठप रहे। साथ ही वार्ड स्तर पर खुले गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी असर पड़ा। मंदसौर में कर्मचारियों ने रैली निकाली।
राजधानी के जेपी अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य कर्मचारियों की दो मुख्य मांगे हैं, जिसमें पहली नियमितीकरण और दूसरी दो साल पहले निलंबित किए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को वापस लेने की मांग शामिल है। मंगलवार को भी अपनी मांग को लेकर सभी कर्मचारी काला दिवस मानते हुए नीलम पार्क प्रदर्शन करेंगे। भोपाल में आठ सौ स्वास्थ्य कर्मचारी है, जबकि प्रदेशभर में इनकी संख्या उन्नीस हजार है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. बृजेश तिवारी ने बताया कि आंदोलनकि हमारी मांग है कि एनएचएम, अन्य परियोजनाओं, स्वास्थ्य में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, संविलियन किया जाए एवं सेवा से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली की जाए। उन्होंने कहा जब तक मांग पूरी नहीं होगी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं आएंगे। इस सिलसिले में 20 फरवरी को काला निवास भी मनाया जाएगा। डा.तिवारी ने बताया कि 28 फरवरी को भोपाल में सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों द्वारा मध्यप्रदेश संविदा नियुक्त संघर्ष मंच के तहत विशाल आंदोलन किया जाएगा।
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