
प्रदेश में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की करीब सात कम्पनियां वर्षों से तैनात है। रेपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के नाम से तैनात इन जवानों के मूवमेंट करने पर प्रदेश की पुलिस को भुगतान करना होता है। वहीं करीब दो साल पहले तक नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में तैनात रहे कोबरा कमांडों का भी भुगतान प्रदेश पुलिस को करना रहता था।
इन दोनों बलों को लेकर करीब पांच साल पहले तक प्रदेश पुलिस इसका भुगतान लगातार करती थी, लेकिन इसके बाद भी बकाया पर ब्याज जोड़ कर केंद्रीय बल अपना बिल भेजता था। सूत्रों की मानी जाए तो साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए की बकाया राशि में ब्याज ज्यादा है। इसमें महज सवा सौ करोड़ रुपए आरएएफ और कोबरा कमांडों के मूवमेंट का भुगतान है। बाकि की राशि बतौर ब्याज प्रदेश पुलिस पर लगाई गई है। प्रदेश पुलिस ब्याज देने के मूड में नहीं है।