भोपाल। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्यप्रदेश के प्रभारी दीपक बावरिया इन दिनों मध्यप्रदेश के एकमेव निर्णयकर्ता की तरह फैसले सुना रहे हैं। दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ जैसे दिग्गजों के प्रदेश में बावरिया खबरों में बने रहने के लिए ऐसे बयान भी दे रहे हैं जो उनकी क्षमता के बाहर हैं। सब जानते हैं कि कांग्रेस में टिकट वितरण का आधार क्या होता है परंतु बिना चेहरे के चुनाव जीतने की जिद लिए बैठे बावरिया ने टिकट वितरण की परंपरा को तोड़ने का ऐलान किया है। बावरिया के ताजा बयान के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु के नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा और युवाओं के दम पर वो बिना चेहरे के मप्र का चुनाव जीत जाएंगे। आइए देखते हैं, यदि बावरिया का 60 प्लस फार्मूला काम कर गया तो कांग्रेस का क्या होगा।
ये दिग्गज टिकट दौड़ से होंगे बाहर
- पूर्व मंत्री एवं सांसद सज्जन सिंह वर्मा (सोनकच्छ),
- पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना (छिंदवाड़ा),
- बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर),
- नर्मदा प्रसाद प्रजापति (गोटेगांव),
- यादवेंद्र सिंह (टीकमगढ़),
- रघुवीर सिंह सूर्यवंशी (कुरवाई),
- राजा पटैरिया (पथरिया),
- प्रकाश जैन (सागर),
- राजमणि पटेल (सेमरिया),
- सुभाष कुमार सोजतिया (गरोठ),
- हुकुम सिंह कराड़ा (शाजापुर),
- नरेंद्र नाहटा (मनासा),
- महेंद्र बौद्ध (भांडेर)
ये दावेदार भी घर बैठे रह जाएंगे
- रमेश अग्रवाल (ग्वालियर),
- मुन्नालाल गोयल (ग्वालियर पूर्व),
- राजेंद्र भारती (दतिया),
- अरुणोदय चौबे (खुरई),
- बृजेंद्र सिंह राठौर (पृथ्वीपुर),
- बृजराज सिंह (श्योपुर),
- एंदल सिंह कंसाना (सुमावली),
- विश्वेश्वर भगत (कटंगी),
- सुरेश चौधरी (सबलगढ़),
- साधना स्थापक (गाडरवाड़ा),
- तेजीलाल सरयाम (जुन्नारदेव),
- प्रभुराम चौधरी (सांची),
- शंकर प्रताप सिंह (राजनगर),
- सईद अहमद (सतना),
- नरेश सर्राफ (जबलपुर),
- पीसी शर्मा (भोपाल),
- पान बाई (कुरवाई)