जबलपुर। हाईकोर्ट द्वारा ढाई साल पहले पारित एक आदेश का पालन करने में विफल रहने पर जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया सहित विभाग के 7 अफसरों को अवमानना का दोषी करार दिया है। सभी को अवमानना में सजा के लिए हाईकोर्ट ने 5 मार्च को तलब किया है। मामला 2 कर्मचारियों की क्रमोन्नति का है।
जस्टिस जेके माहेश्वरी की एकलपीठ ने हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिए हैं कि सभी को नोटिस जारी करें। कोर्ट ने विभाग के वर्तमान अपर मुख्य सचिव, इंजीनियर-इन-चीफ राजीव कुमार सुकालिकर, तत्कालीन इंजीनियर-इन-चीफ एमजी चौबे, तत्कालीन चीफ इंजीनियर अजित कुमार जैन, तत्कालीन कार्यपालक यंत्री एसएस गहरवार और तत्कालीन ट्रेजरी अधिकारी अश्विनी सिंह को हाजिर होकर यह बताने कहा है कि क्यों न उन्हें अवमानना मामले में सजा दी जाए।
खेलेश्वर भार्गव और धीरज दास भारद्वाज ने याचिका दायर कर बताया कि हाईकोर्ट ने 15 जुलाई 2015 को 3 माह के भीतर क्रमोन्नति का लाभ देने के निर्देश दिए थे लेकिन अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। इसके बाद दोनों कर्मचारियों ने अवमानना की याचिका दायर की थी। जिसमें कोर्ट ने अधिकारियों को दोषी पाया है।