जबलपुर। सरकार की माली हालात ठीक नहीं। माह की 16 तारीख गुजर गई लेकिन प्रदेश के करीब 57 विभागों के लगभग 7.5 लाख कर्मचारियों का वेतन नहीं हुआ। वेतन के अभाव में कई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति तक गड़बड़ा गई। ये आरोप मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने लगाए हैं। बता दें कि मप्र पर डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। सरकारी आयोजनों पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है। इधर कर्मचारियों का वेतन तक रोक दिया गया है।
संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेन्द्र दुबे ने जारी बयान में बताया कि प्रदेश के 57 विभागों के कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। सरकार वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही है। जो आहरण संवितरण अधिकारी वेतन भुगतान के लिए वेतन देयक पेश कर रहे हैं उन्हें आवंटन शून्य होने या समाप्त होने की सूचना दी जा रही है। जबकि नियम है कि कर्मचारियों को माह की एक से पांच तारीख तक वेतन का भुगतान हो जाए।
संघ के जिला अध्यक्ष अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, प्रहलाद उपाध्याय, जवाहर केवट, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डेय, मनोज राय, एनपी निगम, नरेन्द्र सेन, गोपाल पाठक, कैलाश शर्मा, अजय दुबे, लक्ष्मण परिहार, अजय सिंह, हरिशंकर गौतम आदि ने मुख्यमंत्री से शून्य बजट में कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने की मांग की है।