
वीडियो एसपी शशिकांत शुक्ला के पास पहुंचा, तो उन्होंने लापरवाही बरतने वाले दो पुलिस कर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया। साथ ही टीआई और सीएसपी को जमकर फटकार लगाई। एसपी ने इस मामले में एएसपी स्तर के अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं। वीडियो वायरल होने से पीड़िता का चेहरा और नाम सार्वजनिक हो गया। जिससे उसका पूरा परिवार परेशान है। कोई अनहोनी न हो इसलिए किशोरी की सुरक्षा में महिला आरक्षकों की टीम को उसके घर पर तैनात किया गया है।
घुमाने के बहाने घर से ले गए थे आरोपी
सोमवार की शाम 16 वर्षीय किशोरी अपने घर के बाहर खड़ी थी। इसी दौरान शानू श्रीपाल वहां बाइक से पहुंचा और किशोरी को घुमाने के बहाने गाड़ी पर बैठा लिया। कुछ दूर आगे जाने पर दीपक उर्फ बाबू सोनकर भी बाइक पर बैठ गया। किशोरी ने विरोध किया तो आरोपी उसका मुंह दबाकर परशुराम कुंड के पास खंडहरनुमा मकान में ले गए।
जहां अमित लखेरा, आयुष सोनकर, अरविंद त्रिपाठी, विकास मेहतो, मोहित सिंह और प्रकाश रैकवार पहले से मौजूद थे। जिनके साथ मिलकर शानू श्रीपाल और बाबू सोनकर ने किशोरी से गैंगरेप किया था। इस दौरान एक बुजुर्ग ने डायल 100 पर सूचना दी तो रांझी थाने का स्टाफ मौके पर पहुंच गया। पुलिस को देखकर आरोपी जंगल की तरफ भाग गए थे, लेकिन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने आठों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज चुकी है।
पहले इनाम, बाद में सजा
सस्पेंड पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक रामेश्वर और आरक्षक बहादुर हैं। घटना के बाद सबूत के तौर पर थाने में रामेश्वर और बहादुर ने पीड़िता का बयान लेते हुए वीडियो बनाया था। इसमें किशोरी से पुलिसकर्मी उसके नाम, पते की जानकारी लेते सुनाई दे रहे हैं। वीडियो सिर्फ उन्हीं दोनों के मोबाइल पर था। प्राथमिक जांच में वीडियो वायरल करने के आरोप में रामेश्वर और बहादुर को सस्पेंड किया गया है। एसपी शुक्ला ने आरोपियों की गिरफ्तारी करने वाली जिस पुलिस टीम को 10 हजार का इनाम दिया था, उसमें रामेश्वर और बहादुर भी शामिल थे।