नई दिल्ली। असम में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के संदर्भ में बुधवार को सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया। उनके इस बयान पर सियासी बवाल मच गया है। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आर्मी चीफ के बयान पर सवाल उठाए हैं। वहीं कांग्रेस नेता मीम अफजल ने आर्मी चीफ के इस बयान पर आपत्ति जताई है।
क्या कहा आर्मी चीफ ने ?
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने एक सेमिनार में कहा था कि जितनी तेजी से देश में बीजेपी का विस्तार नहीं हुआ उतनी तेजी से असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ बढ़ी है। बता दें कि उत्तर पूर्वी राज्यों में बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ और इलाके में हुए जनसांख्यिकीय परिवर्तन को दर्शाने के लिए जनरल रावत ने बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ का उदाहरण दिया।
असम में बांग्लादेश शरणार्थियों के पीछे PAK का हाथ
सेमिनार में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि असम में बांग्लादेश शरणार्थी बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के पीछे पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) की छद्म नीति ज़िम्मेदार है। उन्होंने कहा है कि इस काम में हमारे पश्चिमी पड़ोसी को उत्तरी पड़ोसी (चीन) का साथ मिल रहा है। ये भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर जारी रखना चाहते हैं। इनका मकसद अशांति का माहौल पैदा करना है। उन्होंने कहा है कि उत्तर पूर्व की समस्याओं का समाधान वहां के लोगों को देश की मुख्यधारा में लाकर विकास करने से मुमकिन है।
डोकलाम पर चिंता की बात नहीं
डोकलाम पर चीन की गतिविधियों की खबरों पर रावत ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। यहां स्थिति सामान्य हैं।
ओवैसी ने आपत्ति उठाई
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर उनके बयान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आर्मी चीफ को राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, किसी राजनीतिक पार्टी के उदय पर बयान देना उनका काम नहीं है। लोकतंत्र और संविधान इस बात की इजाजत देता है कि सेना हमेशा एक निर्वाचित नेतृत्व के तहत काम करेगी।
नहीं करनी चाहिए राजनीतिक बयानबाजी- मीम अफजल
वहीं कांग्रेस नेता मीम अफजल ने आर्मी चीफ के इस बयान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि आर्मी के अफसर को राजनीतिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, उन्होंने कहा है कि रावत को ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए।