नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में हुए धोखाधड़ी मामले को लेकर केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको में तीन साल पुरा कर चुके कर्मचारियों को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया है। 11,400 करोड़ की बहुचर्चित पीएनबी घोटाले का मामला उजागर होने के बाद केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने ऐसी सलाह बैंकों को दी है। सीवीसी सलाहकारों का ये भी कहना था कि 31 दिसंबर को पांच साल पुरा कर चुके सभी लिपिक कर्मचारियों को तत्काल हस्तांतरित किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ CVC के इस आदेश पर बैंक ऑफ बरौदा ने प्रक्रिया को लागू करना शुरू कर दिया है।
सीवीसी ने जारी की एडवाइजरी
केन्द्रीय सतर्कता आयोग के दिशानिर्देश के अनुसार सभी बैंक अधिकारियों को प्रत्येक तीन साल में बदली होनी चाहिए। इसके अलावा बैंक के अधिकारियों के लिए स्थांतरण नीति के अनुसार किसी भी अधिकारी को उस पद पर तीन वर्ष से अधिक एक स्थान पर नहीं रखा जाना चाहिए।
पीएनबी घोटाले के बाद सतर्कता अपनाई जा रही है
पीएनबी ने 11,400 करोड़ औऱ दूसरी 280 करोड़ की दो वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की है। धोखाधड़ी की इस मामले में नीरव मोदी ,उसकी पत्नी एमी, निशाल और मेहुल चोकसी का नाम शामिल है। 2011 में यह घोटाला शुरू हुआ था जो साल 2018 के तीसरे सप्ताह में पता चला,जिसके बाद पीएनबी के अधिकारियों ने 31 जनवरी को सीबीआई के साथ शिकायत दर्ज की थी। पीएनबी द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज किए जाने के बाद केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने इस तरह के दिशा-निर्देश जारी की है।