नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा पर अपने एक अहम आदेश में कहा है कि मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने वालों की सुरक्षा के लिए वाहन निर्माताओं को ड्राइवर सीट के पीछे या बगल में सेफ्टी हैंडल लगवाना जरूरी है। पीछे के चक्के को दोनों तरफ से सेफ्टी ग्रिप से ढकना होगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि पैर रखने के लिए उचित फुट रेस्ट लगाने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इन दिशा-निर्देशों के लागू किए बिना बाइक का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
MP हाईकोर्ट का आदेश बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में इस बारे में आए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए कहा है कि वाहन निर्माताओं को मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 123 का पालन करना होगा। नवंबर 2008 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर याचिकाकर्ता ज्ञान प्रकाश ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 123 को लागू करने का निर्देश देने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने वाहन निर्माताओं को धारा 123 को लागू करने का निर्देश दिया था।
कंपनियां कर रही हैं नियमों की अनदेखी
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ वाहन निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी अर्जी खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ज्यादातर वाहन निर्माता कंपनियां करीब तीन दशक से इस नियम का पालन नहीं कर रही थी, जिसके चलते सड़क हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है।