नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा एफआईआर में 9 मासूम बच्चों की मौत का जिम्मेदार दर्ज किया गया भाजपा नेता मनोज बैठा जब तक फरार था, पूरी तरह से फिट था लेनिक सरेंडर करते ही बीमार हो गया। उसे अस्पताल में वीआईपी सुविधाओं के साथ भर्ती करा दिया गया है। जबकि इससे पहले भाजपा ने मनोज बैठा को निष्कासित करने का ऐलान किया था।
बीते शनिवार को सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के बीच एनएच 77 पर भीषण सड़क दुर्घटना हुई थी। इसमें 9 बच्चों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। बीजेपी नेता मनोज बैठा अपनी बोलेरो गाड़ी से सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर आ रहे थे। इस दौरान मुजफ्फरपुर के मीनापुर थाना क्षेत्र के धरमपुर गांव में उनकी गाड़ी ने पहले एक महिला और पुरुष को टक्कर मारी, फिर भागने के चक्कर में सड़क किनारे खड़े बच्चों को कुचल दिया। ये बच्चे अपने स्कूल से घर लौट रहे थे।
हादसे में 9 बच्चों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। गाड़ी खुद मनोज बैठा चला रहा था। इस हादसे के बाद से ही मनोज फरार चल रहा था। इसे लेकर विपक्ष ने भारी हंगामा मचाया। खुद सीएम नीतिश कुमार तनाव में नजर आए। कांग्रेस ने भी इसे मुद्दा बनाया। भाजपा ने ऐलान किया कि मनोज बैठा को निष्कासित कर दिया गया है। सवाल यह है कि उसे फर्जी बीमारी के नाम पर भर्ती क्यों कर लिया गया। जेल क्यों नहीं भेजा।