नई दिल्ली। सरकार अब ब्लैक मनी पर शिंकजा कसने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। कंपनियां के लिए अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करना महंगा साबित होगा। अब जो कंपनियां इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करेंगी उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। फाइनेंस बिल 2018-19 में कंपनियों के इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग नियम में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। यह नियम एक अप्रैल 2018 से लागू होगा। केंद्र सरकार देश में बड़े पैमाने पर मौजूद शेल कंपनियों (काले धन को सफेद करने का काम करने वाली मुखौटा कंपनियों) को ध्यान में रखते हुए इस नियम का प्रस्ताव लाई है।
बिटकॉइन में निवेश करने वालों पर नजर
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को पेश किए गए बजट भाषण में कहा था कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को सरकार लीगल टैंडर नहीं मानती है। सरकार बिटकॉइन में निवेश करने वाले चार लाख लोगों को नोटिस भेजेगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, इस बारे में किए गए सर्वे में ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जो बिटकॉइन में निवेश कर रहे हैं। इन लोगों को निवेश की गई राशि का हिसाब देना होगा। सीबीडीटी के अनुसार क्रिप्टोकरंसी में 100 करोड़ के ब्लैकमनी के निवेश का पता चला है। अब इन निवेशकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार को आशंका है कि नोटबंदी के बाद लोग इसमें अपनी ब्लैकमनी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
2 लाख लोगों को आईटी का नोटिस
नोटबंदी के दौरान बैंक खाते में 15 लाख या इससे ज्यादा रुपए जमा कराने वाले करीब दो लाख लोगों को इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस भेजा है, जिनके रिटर्न नहीं फाइल किए गए हैं। सीटीबीटी चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि हमने ऐसे 1.98 लाख खातों की पहचान की है।
दिसंबर और जनवरी महीने में इन खाता धारकों को नोटिस भेजे गए हैं। हालांकि, अभी तक किसी ने भी नोटिस का जवाब नहीं दिया है। इन नोटिस का जवाब न देने पर विभाग द्वारा जुर्माना और मुकदमा चलाने जैसी कार्रवाई की जा सकती है।