मुरैना। कलेक्टर ने आरटीओ कार्यालय में छापामार कार्रवाई करते हुए कार्यालय से 3 एवजियों को पकड़ा जो अधिकारी-कर्मचारियों की जगह काम कर रहे थे। इन्हें पुलिस के हवाले किया गया। कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे आरटीओ कार्यालय पहुंचे तो उन्हें सभी कक्षों में एवजी काम करते हुए मिले। यहां परिवहन विभाग का केवल एक ही कर्मचारी था जबकि कार्यालय में आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी पदस्थ हैं। प्रशासन की टीम के पहुंचते ही एवजी यहां-वहां भागते नजर आए।
आरटीओ में छह कर्मचारी पदस्थ हैं, लेकिन इन कर्मचारियों की जगह कार्यालय में कुर्सियों पर बैठकर किराए के कर्मचारी काम निपटाते हैं। यहां तक कि कार्यालय के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड सहित अलमारियों की चाबियां भी इन्हीं कर्मचारियों के पास रहती हैं। किराए के कर्मचारी न केवल कार्यालय में वाहनों के रजिस्ट्रेशन, नामांतरण, फिटनेस व परमिट आदि के काम बिना पैसे लिए नहीं करते बल्कि बेवजह लोगों की फाइल को अटकाकर रखते हैं।
कलेक्टर पहुंचे तो मची भगदड़
सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे कलेक्टर भास्कर लाक्षकार, एसडीएम प्रदीप तोमर व तहसीलदार सहित अन्य राजस्व अमले के साथ आरटीओ कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर जब उनसे पूछताछ शुरू की तो सभी कर्मचारियों में भगदड़ मच गई और सभी कर्मचारी कार्यालय छोड़कर भाग निकले। कार्यालय में कोई नहीं बचा। ऐसे में कलेक्टर ने विभाग की सभी शाखाओं को सील करवा दिया।
किराए के तीन कर्मचारियों को पहुंचाया हवालात
अनाधिकृत तौर पर सरकारी दफ्तर में मौजूद होने इन कर्मचारियों को कलेक्टर ने हवालात में पहुंचा दिया। जिन कर्मचारियों को हवालात पहुंचाया गया है, उनमें काजी बसई निवासी शकील, सर्वेश भदोरिया गणेशपुरा व राहुल सिकरवार हैं।
तीन शाखाओं को सील किया
परिवहन विभाग में प्रायवेट कर्मचारियों के काम करने की सूचना मिली थी और वाहनों की फिटनेस आदि समय पर न मिलने की शिकायत भी मिली थी। इसके बाद छापा मारा तो विभाग का एक ही कर्मचारी मिला। कार्यालय की तीन शाखाओं को सील किया गया है और आगामी कार्रवाई की जा रही है - भास्कर लाक्षाकार, कलेक्टर मुरैना