भोपाल। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के चमरूआ पुरवा में सोमवार दोपहर अचानक एक किसान की झोपड़ी में आग लग गई। जिस समय हादसा हुआ झोपड़ी के अंदर 3 कन्याएं खेल रहीं थीं। घास की बनी झोपड़ी ने पलक झपकते ही आग पकड़ ली और तीनों बेटियां उसमें जिंदा जल गईं। घटना के बाद कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे और परिवार को ढाढ़स बंधाया। आग अपने आप लगी या किसी ने साजिशन लगाई थी इसका पता नहीं चल पाया है। घटना के समय मौके पर कोई भी चश्मदीद नहीं था।
पत्रकार अब्दुल जब्बार खान की रिपोर्ट के अनुसार यह दर्दनाक घटना उस समय हुई जब चमरूआपुरवा निवासी भगवानदास अहिरवार अपने परिवार के लोगों के साथ मवेशियों को चराने गया था। उसके खेत पर बनी घासफूस की झोपड़ी में उसकी 3 वर्षीय बेटी राखी, 5 वर्षीय भांजी सीता और 8 वर्षीय भतीजी नीलू खेल रही थीं। अचानक उस झोपड़ी में आग लग गई। जिससे तीनों बालिकाएं आग से घिरकर शोर मचाने लगीं।यह शोर सुनकर पास में खेल रही कुछ बच्चियों ने जब झोपड़ी में लगी आग को देखा तो भागकर गांव में लोगों को बताया। जब तक लोग वहां पहुंचे तब तक तीनों बालिकाओं की झोपड़ी में ही जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी।
इस घटना की खबर मिलते ही कलेक्टर रमेश भंडारी, पुलिस अधीक्षक विनीत खन्ना डॉक्टरों की एक टीम सहित घटनास्थल पर पहुंच गए।मौके पर ही तीनों बालिकाओं के शवों का पोस्टमार्टम कराके शव परिजनों को सौंप दिए गए।
कलेक्टर श्री भंडारी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि शासन को इस बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है।पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद दिलाई जाएगी।घटना के बाद से पूरे बगौता गांव में मातम भरा सन्न्ाटा पसरा हुआ है।