भोपाल। केंद्र सरकार के आम बजट से कर्मचारी नाखुश हैं। कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ सांसदों के वेतन में वृद्धि करने की बात कही गई है। साथ ही उनके वेतन भत्तों को टैक्स फ्री रखा जाता है। वहीं कर्मचारी रात-दिन मेहनत करते हैं उनको टैक्स स्लैब में छूट न देकर कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया गया है। कर्मचारियों की उम्मीद थी कि टैक्स स्लैब 4 लाख तक बढ़ाया जाएगा, लेकिन सरकार ने सिर्फ 40 हजार की बढोत्तरी की है। यानी दो लाख नब्बे हजार तक की आय टैक्स फ्री रहेगी।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में दो तरह के टैक्स लिए जा रहे है। इनकम टैक्स और प्रोफेशनल टैक्स। ये टैक्स मुख्य सचिव से भी ढाई हजार रुपए लिया जाता है और फोर्थ क्लास के कर्मचारियों से भी ढ़ाई हजार रुपए लिया जाता है। कर्मचारियों को टैक्स में छूट दी जानी चाहिए थी। कर्मचारियों के नुमाइंदगी करने वाले नेताओं का आरोप है कि सरकार सपने दिखाकर उनको तोड़ रही है। रोजगार पूरी तरह से बंद है। सरकार ने कांट्रेक्ट पर कर्मचारी भर्ती का ठेका दे रखा है जिससे निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है। उनकी नजरों में ये बजट कर्मचारी विरोधी है।
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली आज संसद में 2018-19 के लिए आम बजट पेश किया। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधरा आ रहा है। यह दुनिया में 7वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। साथ ही, उन्होंने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए नई घोषणा की है। जेटली ने कहा है कि इस बजट में हम राज्यों के साथ मिलकर एजुकेशन क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।