भोपाल। याचिकाकर्ता शंकर लाल ठाकुर, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बागबर्डिया, जिला छिंदवाड़ा द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर के समक्ष, वित्त विभाग, संयुक्त संचालक, कोष लेखा, जबलपुर संभाग के विरुद्ध माननीय हाई कोर्ट, जबलपुर के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत की गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पांचवे वेतनमान में, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित, कई पदों के वेतनमान विसंगति पूर्ण होने के कारण, राज्य शासन द्वारा श्री ब्रह्मस्वरूप की अध्यक्षता में, वेतन विसंगति के उन्मूलन हेतु ब्रह्मस्वरूप समिति का गठन किया गया था।
उपरोक्त समिति द्धारा प्रस्तावित संशोधित वेतनमान, वित्त विभाग द्वारा वर्ष 1996 से स्वीकार कर लिया गया था। चूंकि, पांचवे वेतनमान की विसंगतियों को समिति द्धारा दूर किया गया था। ब्रह्मस्वरूप समिति की अनुसंशा एवं आदेश दिनाँक 05.10.2006, 24.01.2008, 30.09.2014, 24.06.2016( वित्त विभाग द्वारा जारी) के पालन में बढ़े हुए वेतन का काल्पनिक वेतन निर्धारण नियुक्ति दिनाँक से किया जाकर, वास्तविक लाभ 01.04.2006 से दिया जाना था।
उपरोक्त आदेशों के पालन में, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छिंदवाड़ा द्वारा श्री शंकरलाल ठाकुर का काल्पनिक वेतन निर्धारण वेतनमान रुपये 3500-5200 में नियुक्ति दिनाँक 16.11.1999 से किया जाकर अग्रिम अनुमोदन हेतु संयुक्त संचालक कोष लेखा, जबलपुर, सम्भाग के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। परंतु, आर्थिक बोझ सहित अन्य कारणों को गिनाते हुए, अनुमोदन नही किया गया था। माननीय हाई कोर्ट जबलपुर, द्वारा आदेशों के अवलोकन के पश्चात ,वित्त विभाग सचिव, संयुक्त संचालक, कोष लेखा, जबलपुर संभाग को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया गया है।