जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि किसी कर्मचारी को समान वेतन पर पदोन्नत किए जाने के बाद समयमान वेतनमान सहित दूसरे सैलरी अपग्रेडेशन संबंधी लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता दमोह निवासी वीपी दुबे की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्घ पाण्डेय ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि वनमंडल अधिकारी कार्यालय दमोह से सीनियर अकाउंटेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए याचिकाकर्ता को समान वेतनमान पर प्रमोशन दिया गया था। लेकिन बाद में द्वितीय समयमान वेतनमान के लाभ की रिकवरी इस आधार पर कर ली गई कि पूर्व में प्रमोशन का लाभ मिल चुका था, जिसे देखते हुए समयमान वेतनमान का लाभ वापस लिया जाता है।
चूंकि समान वेतनमान पर प्रमोशन का मसला अधिक वेतनमान पर प्रमोशन से हटकर है, अतः कटौती अनुचित होने के कारण हाईकोर्ट की शरण ले ली गई। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद कटौती को अनुचित करार देते हुए रिकवरी राशि लौटाने का आदेश सुना दिया।