भोपाल। कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल की शिकायत पर अशोक नगर के कलेक्टर बीएस जामोद को मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप में हटा दिया गया, लेकिन चौकाने वाली बात तो ये है कि एक साल पहले जामोद को इसी चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के सतत पुनरीक्षण कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित किया था। बीएस जामोद पर मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से उनकी शिकायत करते हुए पद से हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस के आरोपों की पड़ताल करने के बाद चुनाव आयोग ने जामोद को उनके पद से हटा दिया। नए जिलाधिकारी का चुनाव करने के लिए आयोग ने तीन अधिकारियों का एक पैनल गठित कर दिया है। जिस आरोप में बीएस जामोद को हटाया गया एक साल पहले उसी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर खुद चुनाव आयोग ने उन्हें सम्मानित किया था। मतदाता सूची के सतत पुनरीक्षण कार्य में उत्कृष्ट कार्य करने पर मध्य-प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने अशोक नगर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी बीएस जामोद को अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस दिया था। पिछले साल जामोद को यह सम्मान तत्कालीन राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली ने दिया था।
बीएस जामोद पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाने के साथ-साथ कांग्रेसी प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भी सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग करने के कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके बाद हरकत में आए चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई। हालांकि जामोद को उनके पद से हटा दिया गया लेकिन आयोग के इस फैसले पर बीजेपी नेता यह कहते हुए सवाल उठा रहे है कि जब खुद चुनाव आयोग ने जामोद को मतदाता सूची के सतत पुनरीक्षण कार्य में उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया था तो आखिर उसके बाद ऐसा क्या हो गया कि जामोद को उनके पद से हटाना पड़ा।
इससे पहले कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग पहुंच कर मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग की थी इस शिष्टमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश, रणदीप सुरजेवाला, आरपीएन सिंह एवं सत्यव्रत चतुर्वेदी शामिल थे. उन्होंने मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार पर सरकारी मशीनरी के कथित दुरूपयोग का आरोप लगाया.