इंदौर। यह प्रकरण प्राइवेट बस संचालकों के लिए नजीद बन सकता है और बस में छोटी दूरी का सफर करने वालों के लिए प्रेरणा। प्राइवेट स्कूल की एक महिला शिक्षक ने कुछ ऐसा किया कि प्राइवेट बस संचालक शायद ही कभी भूल पाए। दरअसल, प्राइवेट बस वाले छोटी दूरी के यात्रियों को सीट खाली होने पर भी उपलब्ध नहीं कराते। वो ज्यादा किराए के लालच में लंबी दूरी वालों के लिए ही सभी सीटें आरक्षित रखते हैं। यह मामला इसी से जुड़ा हुआ है।
परिवहन विभाग के मुताबिक चोरल स्थित निजी स्कूल की शिक्षिका रोजाना की तरह बुधवार को इंदौर-सनावद बस (एमपी 10 पी 9001) में सवार हुई। इस दौरान एक यात्री बस में चढ़ा। कंडक्टर ने शिक्षिका को उठने को कहा। उसने कहा कि आपको नजदीक जाना है इसलिए खड़े होकर सफर करो। शिक्षिका ने आपत्ति ली तो कंडक्टर ने उन्हें बस से उतार दिया। महिला ने आरटीओ के अधिकारियों से शिकायत की गई।
अधिकारियों ने शिक्षिका का नंबर देकर उड़नदस्ते को रवाना किया। शिक्षिका ऑटो में सवार होकर बस का पीछा कर उड़नदस्ते को बस की लोकेशन बताती रही। आईटी पार्क चौराहे पर उड़नदस्ते ने बस को रोका और परमिट समेत कई दस्तावेज मांगे। ड्राइवर नहीं दिखा पाया। बाद में ड्राइवर और कंडक्टर शिक्षिका से माफी मांगते रहे। चालानी कार्रवाई के बाद उड़नदस्ते ने शिक्षिका को बस में चोरल के लिए रवाना किया।