जबलपुर। एक अप्रैल से शिक्षा विभाग का पूरा ताना-बाना बदले अंदाज में नजर आएगा। इस बार एक अप्रैल से जहां नया शिक्षण सत्र शुरू हो रहा है, वहीं शिक्षा विभाग में शिक्षक से लेकर अधिकारी-कर्मचारियों को भी ई-अटेंडेंस के दायरे में लाया गया है। एक अप्रैल से ई-अटेंडेंस व्यवस्था के तहत शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों को स्कूल या दफ्तर पहुंचकर अपने रजिस्टर्ड स्मार्ट फोन से ही अटेंडेंस लगानी होगी, क्योंकि ई-अटेंडेंस के आधार पर ही उनका वेतन भी जनरेट होगा।
इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्रालय के उपसचिव ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि यदि किसी दूसरे के नाम रजिस्टर्ड फोन पर किसी दूसरे ने ई-अटेंडेंस लगाई तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। एक अप्रैल से ही शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। बच्चों की यूनिफार्म हो या फिर स्कूलों में बुक बैंक की शुरुआत सबकुछ बदले पैटर्न पर होगा।
31 मार्च तक पोर्टल में अपलोड करना होगा मोबाइल नंबर
शिक्षक से लेकर डीईओ, डीपीसी, बीईओ, बीआरसी से लेकर सभी कर्मचारियों को ई-अटेंडेंस लगाने कहा गया है। उपसचिव शिक्षा विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि ई-अटेंडेंस के लिए मोबाइल गवर्नेंस प्लेटफार्म पर एम शिक्षा मित्र एप का नया वर्जन लांच किया गया है। एजुकेशन पोर्टल में उपलब्ध सभी सुविधाएं व जानकारी इसी एप से मिल सकेगी।
एप में बच्चों की प्रोफाइल, नामांकन, शिक्षक, बच्चों की उपस्थिति, लोकेशन, अधोसंरचना सभी भी जानकारी आसानी से मिलेगी। एप से ही पे-स्लिप, अवकाश आवेदन, ई-सर्विस, शिकायत, छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण, ट्रेकिंग, मान्यता, आरटीई के तहत ऑनलाइन दाखिले सहित सभी जानकारी ले सकेंगे।
ई-अटेंडेंस को तत्काल प्रभाव से लागू कर 31 मार्च तक सभी के मोबाइल नंबर पोर्टल में अपटेड करने कहा गया है। जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त संचालक, जिला परियोजना समन्वयक को रोजाना 10-10 शिक्षक, कर्मचारियों के फोन पर कॉल कर ये सुनिश्चित करने कहा गया है कि जिस शिक्षक, कर्मचारी के नाम पर मोबाइल रजिस्टर्ड हैं, वे वहीं व्यक्ति हैं या नहीं।
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