इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए 3 तलाक विरोधी अभियान का असर सारे देश में दिखाई दिया। उत्तरप्रदेश की मुस्लिम महिलाएं तो इतनी खुश थीं कि उन्होंने अपने शौहर के खिलाफ जाते हुए भाजपा को वोट दिया और उत्तरप्रदेश में एतिहासिक जीत दिलाई परंतु मप्र में 14 साल से काबिज भाजपा सरकार शायद राज्य की मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक बिल के फायदे नहीं समझा पाई।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में बुधवार को 5 हजार से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं सड़कों पर उतर आईं। ये महिलाएं लोकसभा में पारित तीन तलाक के नए कानून का विरोध कर रही थीं। मौन रैली में शामिल महिलाओं का कहना था कि वे मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के साथ हैं और जबरन उन पर थोपे जा रहे नए कानून का वे विरोध करती हैं। उन्होंने विरोधस्वरूप एक ज्ञापन भी सौंपा।
मिली जानकारी अनुसार शहर काजी खालिफुर्रहमान के नेतृत्व में गुरुवार दोपहर 5000 हजार से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने मौन रैली निकाली। तोपखाना क्षेत्र से शुरू हुई रैली बेगमबाग पर खत्म हुई। रैली में शामिल महिलाओं का कहना था कि तीन तलाक बिल मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के तहत आता है। केंद्र सरकार को कोई हक नहीं है कि वे इसे रोकने के लिए नया कानून लाए। महिलाओं इसमें केंद्र सरकार और राष्ट्रपति के खिलाफ लिखी तख्तियां लेकर शामिल हुईं। उन्होंने तख्तियों पर लिख रखा था कि हम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं तीन तलाक कानून वापस लो।
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