भोपाल। 12 हजार 799 पदों के लिए हुई परीक्षा में मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने जो भर्ती नियम बनाए थे उससे जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। इस वर्ग की 5076 पदों में से अन्य राज्यों के 3783 उम्मीदवार सिलेक्ट हो गए। अब मध्यप्रदेश के स्थानीय उम्मीदवार नाराज हैं। उन्होंने शिवराज सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का ऐलान किया है। सोशल मीडिया पर पुलिस भर्ती के उम्मीदवार काफी नाराज नजर आ रहे हैं।
पुलिस भर्ती में मप्र शासन ने अन्य राज्यों के प्रतिभागियों के लिए अधिकतम पदों का नियम खत्म कर दिया। यानी ओपन की सभी सीटों पर को अन्य राज्यों के उम्मीदवारों के लिए चयनित होने का रास्ता खोल दिया गया। जबकि अन्य राज्यों में 5 फीसदी से अधिक बाहरी प्रतिभागियों का चयन नहीं किया जाता है। यह नियम पहले की परीक्षाओं में मध्यप्रदेश में भी लागू था। प्रदेश के प्रतिभागियों का कहना है कि 5 प्रतिशत वाले नियम को पुन: लागू करना चाहिए ताकि उनके साथ अन्याय बंद हो। आरक्षण के बाद बची सीटों पर तो उन्हें पूर्ण अवसर मिल सके।
पुलिस भर्ती में जीएडी के नियमों का खामियाजा प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ा है। विसंगति से भरे नियमों का असर यह हुआ कि अन्य राज्यों के उम्मीदवारों ने सामान्य वर्ग के आधे से अधिक पदों पर कब्जा जमा लिया। प्रदेश के जनरल कैटेगरी वाले युवाओं को 5075 में से मात्र 1293 पदों पर ही संतोष करना पड़ा।
शासन को अवगत कराएंगे
प्रदेश में हुई पुलिस भर्ती में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों का चयन परीक्षा के नियमों के तहत हुआ है। यह बात सही है कि पहले परीक्षाओं में उम्मीद्वार को प्रदेश का नागरिक होना अनिवार्य था। बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को 5 फीसदी सीट दी जाती थी। बीच में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद पांच फीसदी वाला नियम हटा दिया गया है। प्रदेश के सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का कम चयन होने संबंधी मामला सामने आया है। इस संबंध में शासन को अवगत कराएंगे।
आदर्श कटियार, ओएसडी सीएम (पुलिस मामलों के प्रभारी)