नई दिल्ली। गुरुवार को पेश किए गए बजट में सांसदों के लिए भी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बड़ा ऐलान किया है। अरुण जेटली ने घोषणा की कि सांसदों के वेतन की समीक्षा के लिए सरकार नया कानून लेकर आएगी। इस कानून के तहत हर 5 साल में सासंदों के वेतन की समीक्षा की जाएगी और उसे जरूरत के हिसाब बढ़ाया जाएगा। अरुण जेटली ने अपने बजटीय भाषण में सांसदों के वेतन की समीक्षा प्रस्ताव की जानकारी दी।
केंद्र सरकार पहले ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव लकेर आ चुकी है जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है। इस प्रस्ताव के तहत राष्ट्रपति को 5 लाख, उपराष्ट्रपति को 4 लाख और राज्यपाल को 3 लाख रुपये की सैलरी मिलेगी। अरुण जेटली ने कहा कि सांसदों के वेतन की समीक्षा की नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी। हालांकि सांसदों के वेतन की समीक्षा किन मानकों पर की जाएगी और उसमें कितनी वृद्धि होगी इसके बारे वित्त मंत्री ने कोई जानकारी नहीं दी है।
गौरतलब है कि सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद से ही सासंदों के द्वारा सैलरी बढ़ाने की मांग की जा रही थी। सांसदों का कहना था कि महंगाई बढ़ गई है उनके वेतन की समीक्षा करना काफी जरूरी है, ऐसे में सरकार का फैसला सांसदों के लिए राहत लेकर आया है।