
जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं हैं। फलस्वरुप वे पकौडे़ बेचने को मजबूर हो गये हैं। उन्होने आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन करते हुये शासन द्वारा नियुक्त एवं महाविद्यालय स्तर पर स्ववित्तीय मद के पदों पर नियुक्त समस्त अतिथि विद्धानों को नियमित करने एवं सहायक प्राध्यापक भर्ती को निरस्त करने के लिये मुख्यमंत्री के नाम, प्राचार्य महोदय को ज्ञापन दिया।
ज्ञापन देने वालों में श्रीमती पुलकिता सिंह गौर, डाॅ. शीतांषु राजौरिया, श्री अभिषेक समैया, श्री रोहित सैनी, डाॅ. श्वेता ओझा, डाॅ. रामकुमार नगाईच, डाॅ. स्वीटी मिश्रा, डाॅ. शारदा विष्वकर्मा, डाॅ. निधि नगाईच, डाॅ. मोनिका सोनी, डाॅ. गीता राजपूत, डाॅ. सिम्मी मोदी, डाॅ. मनीष जैन, डाॅ. प्रदीप श्रीवास्तव, श्री अनिमेष जैन, श्री संजय दोहरे, श्री भूपेन्द्र अहिरवार, श्री अंकुर रानोदिया, डाॅ.शैलेन्द्र पटैल, कु. राजुल जैन, कु. सुप्रिया यादव, हेमलता कोरी, दीपा चैधरी, ज्योत्सना विल्थरिया, दीपिका तिवारी सहित समस्त अतिथि विद्वान उपस्थित रहे।