भोपाल। राजधानी के केएनपी कॉलेज मिसरोद में उम्मीदवारों ने जमकर हंगामा किया। वो कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल की मुख्य परीक्षा देने आए थें यहां पहले पेपर को लेकर विवादित स्थिति रही। पेपर शुरू होने से पहले ही खबर आई कि पेपर लीक हो गया है। सेंटर पर मौजूद अधिकारियों ने स्टूडेंट्स को बताया कि पेपर निरस्त कर दिया गया है। यह सुनकर सभी परीक्षार्थी अपनी सीट छोड़कर चले गए। इसी दिन मुख्य परीक्षा का दूसरा पेपर भी था। सभी ने परीक्षा दी। शाम को एसएससी का नोटिफिकेशन आया कि केएनपी कॉलेज में सभी परीक्षार्थी अपनी मर्जी से पेपर छोड़कर चले गए। इसके बाद उम्मीदवारों ने हंगामा मचा दिया। उनका कहना है कि हमें प्रबंधन ने भगाया, हम तो पेपर देन आए थे।
परीक्षार्थी देर रात 9 बजे तक केंद्र पर ही डटे रहे। कॉलेज प्रबंधन ने परीक्षार्थियों को धमकाने के लिए पुलिस बुला ली लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। अंतत: सेंटर ने लिखित में आश्वसन दिया कि वो पूरी जानकारी एसएसएस तक पहुंचाएंगे। उम्मीदवारों का आरोप है कि इनविजिलेटर्स ने फोर्स फुली कंप्यूटर लॉग आउट कर दिया था। आयोग द्वारा करीब 8000 पदों के लिए 17 से 22 फरवरी के बीच यह मुख्य परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसमें देशभर से करीब 1.89 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं।
परीक्षार्थी उठकर चले गए थे
परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद कुछ केंद्रों पर पेपर डाउनलोड नहीं होने की शिकायत मिली थी। पहला पेपर निरस्त कर परीक्षार्थियों को दूसरा पेपर दिया गया था। लेकिन इस सेंटर पर परीक्षार्थी पहले ही उठकर चले गए थे। जो परीक्षार्थी लैब में बैठे थे, उन्हें भी अन्य परीक्षार्थियों ने बाहर आने को कहा। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज मंगवाई गई है।
वीएम पटवा, हेड एमपी रीजन एसएससी
खुद को बचाने के लिए प्रबंधन ने झूठी जानकारी दी
परीक्षार्थियों का कहना है कि पेपर लीक होने की सूचना पर देश के अन्य सभी केंद्रों में यह परीक्षा तुरंत रोक दी गई, लेकिन यहां परीक्षा सवा 12 बजे तक हुई। परीक्षार्थियों ने जब तकनीकी दिक्कतें आने की शिकायत की तो पर्यवेक्षक ने उन्हें सिस्टम लॉग आउट करने काे कहा। साथ ही आश्वासन दिया की उनका पेपर दोबारा से होगा। इसके बाद परीक्षार्थी इंतजार करते रहे। बाद में जब दोबारा पेपर की जानकारी ली तो उनसे कहा गया कि परीक्षार्थियों ने खुद ही पेपर छोड़ा है इसीलिए दोबारा नहीं होगा। इस पर परीक्षार्थियों ने जब पर्यवेक्षक से लिखित में देने को कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया।