SSC EXAM घोटाला: उम्मीदवारों को आए फोन, पास होना है तो रिश्वत दो | NATIONAL NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में व्यापमं के बाद अब छत्तीसगढ़ में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा घोटाला सामने आया है। मल्टी टास्किंग स्टाफ सिलेक्शन परीक्षा-2016 के उम्मीदवारों एवं उनके रिजल्ट एक रैकेट तक पहुंचा दिए गए हैं। यह रैकेट बिहार की राजधानी पटना से आॅपरेट कर रहा है। उम्मीदवारों को फोन लगाकर बताया जा रहा है कि उनका रिजल्ट क्या है और कितने नंबरों से वो चूक जाने वाले हैं। उनसे रिश्वत मांगी जा रही है। 75 हजार रुपए प्रति 1 नंबर की दर से पैसों की मांग की जा रही है। 

भोपाल सहित प्रदेश से जो उम्मीदवार टीयर-1 क्वालिफाई कर टीयर-2 में शामिल हुए थे उन्हें गुमनाम मोबाइल नंबरों से जाॅब की गारंटी देने कॉल आ रहे हैं। फाेन करने वाले व्यक्ति परीक्षार्थियों से टीयर-2 पेपर पास करने के लिए रिश्वत मांगी जा रही है। परीक्षार्थियों से कहा जा रहा है कि उनका टीयर-2 का पेपर केवल दो नंबर से रुक रहा है। यदि वे इस पेपर में पास होना चाहते हैं तो 75 हजार रुपए उनके बताए बैंक खाते में जमा कर दें। पैसे जमा होते ही उनके नंबर बढ़ाकर उन्हें पास कर दिया जाएगा। 

परीक्षार्थियों का कहना है कि इस तरह के फोन करने वाले व्यक्ति के पास उनके नाम, पता, मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की जानकारी के साथ ही टिकट नंबर तक की पूरी जानकारी है। यह खुलासा हाल ही में तब हुआ जब भोपाल के ही एक परीक्षार्थी मनीष पटेल को जॉब गांरटी की बात कहकर फोन पर 75 हजार रुपए की डिमांड की गई। शक होने पर पटेल ने इसकी रिकार्डिंग कर कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करा दी। 

आयोग ने किया सावधान 

कर्मचारी चयन आयोग पहले ही मल्टी टास्किंग स्टाफ सिलेक्शन परीक्षा 2016 में शामिल परीक्षार्थियों को अलर्ट जारी कर मोबाइल नंबर 7322091790, 7562019526 और 8873489543 से आने वाले कॉल्स से सावधान कर चुका है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इन नंबरों से फर्जी फोन कॉल्स का परीक्षार्थियों को पास करवाने का झांसा दिया जा रहा है। भोपाल के परीक्षार्थियों को जिन नंबर से कॉल्स आए हैं वो 9430987004, 9637025359 है। 

सवाल यह है कि डाटा कैसे लीक हुआ

कर्मचारी चयन आयोग अलर्ट जारी करके खुद को ईमानदार बताने की कोशिश कर रहा है परंतु सवाल यह है कि यह सारा डाटा लीक कैसे हुआ। इस मामले में संदेह किया जा सकता है कि यह एक सुनियोजित घोटाला है। व्यापमं के अनुभव को देखते हुए, उससे बचने के लिए एक रैकेट को आउटसोर्स किया गया है। इस रैकेट को सारा डाटा सौंपा गया और वसूली करवाई जा रही है। अकाउंट नंबर में पैसों का लेनदेन किया जा रहा है ताकि सबकुछ क्लीयर रहे। निश्चित रूप से सभी सिमकार्ड और बैंक अकाउंट नंबर फर्जी निकलेंगे। हो सकता है कि उम्मीदवारों के नाम से लिए गए हों। इस मामले में एसआईटी गठित किया जाना अनिवार्य है। 

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