भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की वादाखिलाफी के विरुद्ध 34 विभागों के 1 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों ने फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे पहले 28 फरवरी को संविदा संयुक्त संघर्ष मंच ने जंबूरी मैदान में संविदा कर्मचारियों का महासम्मेलन आयोजित किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने 10 दिन में ठोस निर्णय लेने का आश्वासन दिया था लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने संविदा कर्मियों के लिए कोई ठोस निर्णय नही लिया।
संविदा कर्मचारियों के 38 संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों ने मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बेनर तले, समस्त संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगें सरकार के सामने रखी है।
1. समस्त विभागों में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से वित्त पोषित, लम्बे समय से रिक्त पड़े पदों पर, वर्तमान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का संविलियन कर, नियमितीकरण किया जाये।
2. विभिन्न विभागों से पूर्व में निष्कासित संविदा कर्मचारियों की बहाली शीघ्र की जायें।
लेकिन सरकार ने मंच की मांगो को अनदेखा कर उनकी किसी भी मांग पर विचार नही किया। इससे प्रदेश के लाखों संविदा कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ रोष है। मंच अपनी मांगो को लेकर सरकार से अब आर पार की लडाई लडने के मूड है। इसलिए 31 संगठनों के इस महागठबंधन ने 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हडताल पर जाने ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही सभी संगठनो ने एक साथ महाआंदोलन के चरणबद्ध अनिश्चितकालीन हडताल की रुपरेखा भी तय की है।