भोपाल। 26 फरवरी को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी एवं महासचिव दीपक बावरिया ने ऐलान किया था कि जिसे भी कांग्रेस का टिकट चाहिए उसे पार्टी फंड में 50 हजार रुपए जमा कराने होंगे। बावरिया के इस ऐलान के खिलाफ कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने लामबंदी भी की और पार्टी फोरम पर अपनी बात रखने की कोशिश की। अब इस ऐलान के 12 दिन बाद नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी बावरिया के फैसले को गलत बताया है। बता दें कि अजय सिंह, दीपक बावरिया के साथ मिलकर मप्र में बिना चेहरे के चुनाव लड़ने के अभियान पर काम कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का इस मामले में बयान सामने आया है। उनका कहना है कि वो इस बात से बिलकुल इत्तेफाक नहीं रखते कि पार्टी 50 हज़ार रुपए जमा करवाकर टिकट दे। ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं में और असंतोष फैलेगा। अजय सिंह ने इस नियम को खत्म करने की मांग की। अजय सिंह के इस बयान के दूसरे मायने भी निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि वो दीपक बावरिया पर दवाब बनाने के लिए यह कार्ड खेल रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को नहीं कोई आपत्ति
मप्र में कांग्रेस यह मानकर बैठी है कि सीएम शिवराज सिंह के प्रति असंतोष के कारण इस बार कांग्रेस बिना परिश्रम के सत्ता में आ जाएगी। उधर भाजपा ने तमाम तैयारियां पूरी कर लीं हैं और इधर कांग्रेस अभी यह तय नहीं कर पाई है कि टिकट वितरण का पेटर्न क्या होगा। कांग्रेस के पास अपनी कोई पॉलिसी नहीं है। ना ही वो मप्र में सत्तारूढ़ भाजपा को ठीक प्रकार से घेर पा रही है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने अब तक 50 हजार और फार्मूला 60 पर कोई बयान नहीं दिया है।