
अब उनके कमर के नीचे शरीर सुन्न हो चुका है। सुन्न तो भाजपा भी है अन्यथा इनकी यह स्थिति न होती। सन 1999 में जब मुझे अपने अखबार की तरफ से बीजेपी कवर करने की जिम्मेदारी दी गई तो उस समय कंप्यूटर व मीडिया के कक्ष में व्यवस्था की ज़िम्मेदारी इन्ही को मिली थी, सो परिचय आ ही गया। कल्याण सिंह के बाद राम प्रकाश गुप्त जी से होते हुए बलिष्ठ राजनाथ सिंह के सीएम होते ही इन्हें पार्टी की तरफ से कार्यालयी समन्वय के काम से मुख्यमंत्री के राजकीय आवास पर रख दिया गया।
उस जमाने में इग्नू से एमसीए कर के अपनी ज़िंदगी को संगठन के लिए होम करने वाले मिश्रा जी के लिए फिलहाल कुछ भी लिखने में उंगलियां कांप सी रही हैं। हालात इतने बदतर हैं कि उधार के पैसों से काम चल रहा। अब नौबत कुछ कुछ गिरवी रखने की आ गई।
क्या ऐसे होगा:- "सबका साथ, सबका विकास, भले ही छूटे अपनों का हाथ
मेरी यह पोस्ट सिर्फ इसलिए है कि इंसानियत के नाम पर ही सही, पर हे /भो/अरे भाजपा! सुध ले लो अपने के पी मिश्रा की अन्यथा पछताने के सिवा कुछ मिलेगा नहीं। क्योंकि संगठन के लिए निर्मल मन और पवित्र भाव से सब कुछ सौंपने वाले कार्यकर्ता आपसे बस मौके पर थोड़ी सी छांव ही तो चाहता है। चुनाव तो फिर जीत लोगे, अपने लोग हार गए तो फिर खाली हाथ रह जाओगे।।
अब आज दिन के 2 बज गए हैं। कई लोग मुझे फोन कर रहे हैं श्री के पी मिश्रा जी अर्थात कमला पति मिश्र जी के ताजा हाल जानने के लिए । अब इस क्षण मैं उनसे दूर हूँ, बस मन पास है उनके ही। कुछ जाने-अनजाने लोग उनके पास पहुंच रहे तो इधर कुछ लोग प्रदेश-देश में दूर है और वहीं से तत्काल अपनी आर्थिक सहायता भेजने की बात कर रहे। मेरे अनुरोध पर श्री मिश्र जी के परिवार ने बैंक की डिटेल सकुचाते हुए दी है, जिनको इस तरह मदद करनी है, वो बैंक ऑफ महाराष्ट्र, अलीगंज, लखनऊ के उनके बैंक खाते में सहयोग राशि भेज के कर सकते हैं। खाता इन्ही कमला पति मिश्रा के नाम से है और एकाउंट नंबर है 25033377815
फिर भी, मैं यही कहूंगा कि ऊपर वाले से प्रार्थना और दुआ जारी रखें। सच्चे मन की दुआ और प्रार्थना कभी निराश नहीं करती।