![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhnbAmlRscGquCHdqJbO_-ikf_HZwCf3s6J_xh4R1A1PkbS5hTbIqUwAqHI5t7t7_g-vQ1Hcprhe7SmdZE_7L-Bq7Hro3hccUV6JUuNt1vem02Bu-8C55GYEdprbhCgwHGaGc5ow3NQ9nM/s1600/55.png)
ADSI की रिपोर्ट के आंकड़े बेहद गंभीर हैं। इन आंकड़ों को बेरोजगार सेना प्रमुख अक्षय हुँका ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से जनता के सामने रखा।
(1) मध्यप्रदेश में हर दिन 2 युवा बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।
(2) शिवराज सरकार में बेरोजगारी की कारण आत्महत्या 20 गुना (2000%) बढ़ी। वर्ष 2005 में 29 युवाओं ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की थी जबकि 2015 में 579 युवाओं ने।
(3) प्रदेश की राजधानी भोपाल में हर दूसरे दिन एक युवा बेरोजगारी के कारण आत्महत्या करता है।
(4) पूरे देश में बेरोजगारी के कारण सबसे ज्यादा आत्महत्याएं मध्यप्रदेश में होती हैं।
(5) बेरोजगारी के कारण हर वर्ष आत्महत्या करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
(6) 2005 में 43 किसान आत्महत्या करते थे तो 1 बेरोजगार युवा आत्महत्या करता था। आज हर दूसरे किसान के साथ 1 युवा बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर रहा है।
वर्ष 2015 के बाद से ADSI की रिपोर्ट जारी नहीं की जा रही हैं। अभी तक 2016 एवं 2017 की रिपोर्ट भी जारी कर दी जानी चाहिए थी। वर्त्तमान स्थिति कई गुना भयावह है। जब तक “शिक्षित युवा रोजगार गारंटी कानून” नहीं बन जाता तब तक इन स्थितियों में परिवर्तन नहीं आ सकता है।
बेरोजगार सेना मांग करती है कि
(a) जल्द से जल्द शिक्षित युवा रोजगार गारंटी कानून बनाये।
(b) जिन भी युवाओं ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की है उनके परिवार को 1-1 करोड़ रूपये का मुआवजा दिया जाए।
(c) सरकार 2016 एवं 2017 के आत्महत्या के प्रकरणों को सार्वजानिक करे।
(d) शिवराज सरकार के कार्यकाल में युवाओं द्वारा बेरोजगारी के कारण की गयी आत्महत्याओं पर सरकार श्वेत पात्र जारी करे।