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राम माधव ने कहा, 'मैं कांग्रेस को याद दिलाना चाहूंगा कि बैलट पेपर की बजाय ईवीएम से चुनाव कराए जाने का फैसला बड़े स्तर पर सहमति बनने के बाद ही लिया गया था। अब आज यदि हर पार्टी यह सोचती है कि हमें बैलट पेपर पर लौट जाना चाहिए तो इस पर भी हम विचार कर सकते हैं।' आम चुनाव के बाद फिर उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनाव में कई दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। यहां तक कि गुजरात के चुनाव में भी पाटीदार नेता हार्दिक पटेल समेत कई लोगों ने ईवीएम को बीजेपी की जीत का कारण बताया था।
जीत के बाद भी एसपी ने जताया था ईवीएम पर शक
बता दें कि हाल ही में यूपी में हुए दो सीटों के लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद भी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि यदि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी न होती तो हमारी जीत का अंतर और अधिक होता। कांग्रेस ने महाअधिवेशन में बैलट का इस्तेमाल शुरू करने का प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि कई बड़े लोकतंत्रों में इसका इस्तेमाल होता है। इससे चुनाव की प्रक्रिया में लोगों की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से बढ़ी बैलट पेपर की मांग
बीते कुछ महीनों में ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें विपक्षी दलों की ओर से कुछ अधिक हो गई हैं। नवंबर में हुए यूपी के निकाय चुनाव के दौरान कई मशीनों में पहले से ही बीजेपी के खाते में वोट पड़ने की रिपोर्ट्स आई थीं। इस पर चुनाव अधिकारियों ने मशीनों में तकनीकी खामी की बात कही थी। खासतौर पर यूपी के विधानसभा चुनाव में 403 में से बीजेपी के 325 सीटें जीतने पर बीएसपी चीफ मायावती समेत कांग्रेस और एसपी ने भी ईवीएम में गड़बड़ी को इसकी वजह बताया था।