भोपाल। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 40 साल से अधिक उम्र वाले आईएएस अफसर विकास की गति को प्रभावित करते हैं उन्हें कलेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद पर नहीं होना चाहिए। यहां पढ़ें। मप्र में मोदी की मंशा के अनुरूप कलेक्टरों की नई पदस्थापना की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। विधानसभा सत्र के बाद पीएम मोदी के फार्मूला 40 पर काम किया जाएगा और यदि ऐसा हुआ तो मप्र के 25 कलेक्टर बदल जाएंगे। इतना ही नहीं राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने वाले अफसर तो कभी कलेक्टर नहीं बन पाएंगे, क्योंकि ऐसे सभी अधिकारियों की उम्र 40 से ज्यादा होती है।
देश के 115 पिछड़े जिलों के विधायक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा है कि 40 के पार आईएएस अफसरों को जिलों की कमान सौंपने से विकास में गति नहीं आती है। थके और बुजुर्ग अफसरों के कारण योजनाएं प्रभावित होती हैं। चालीस से कम उम्र के आईएएस जिलों की बागडोर संभालेंगे तो उनमें काम करने का जज्बा ही कुछ और होगा। पीएम की इस नसीहत का असर प्रदेश में भी है। दरअसल प्रदेश के 51 में 26 जिलों में युवा आईएएस कलेक्टर हैं। जबकि 21 आईएएस प्रमोटी और 50 पार उम्र के हैं। नीमच के कलेक्टर कौशलेनद्र विक्रम सिंह सबसे कम उम्र 32 साल के आईएएस हैं। श्योपुर के कलेक्टर पन्नालाल सोलंकी इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं और छतरपुर के कलेक्टर रमेश भंडारी करीब 59 साल के हो गए हैं।
50 पार के कलेक्टर (सभी प्रमोटी हैं)
अशोक वर्मा खरगोन, आशीष सक्सेना झाबुआ, दीपक सिंह बुरहानपुर, ओपी श्रीवास्तव मंदसौर, राजेश जैन गुना, बीएस जामौद अशोकनगर, पन्नालाल सोलंकी श्योपुर, दिलीप कुमार सीधी, मुकेश शुक्ला सतना, नरेश पाल शहडोल, अजय शर्मा अनूपपुर, माल सिंह भायड़िया उमरिया, आलोक सिंह सागर, श्रीनिवास शर्मा 54, रमेश भंडारी छतरपुर, भावना बालिंबे रायसेन और अनिल सुचारी विदिशा।