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विधेयक में संसोधन की जरूरत
उन्होंने बताया कि भोपाल में जो विधि संस्थान है, विवि का दर्जा प्राप्त है लेकिन पिछले दिनों जो आंदोलन चला और जो समस्याएं सामने आयी हैं, उसमें ऐसा लगा कि विधेयक में कुछ संसोधन की जरूरत है, इसलिए इसमें कई संसोधन किए जाएंगे। डायरेक्टर अब कुलपति कहलाएगा और मप्र हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस उसके कुलाधिपति होंगे।
3 निजी विवि की स्थापना के लिए विधेयक का प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि जो अन्य विश्वविद्यालयों सेक्शन 52 का प्रावधान है, अपरिहार्य स्थिति बनने पर जहां धारा 52 का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रावधान भी भोपाल स्थित विधि संस्थान में कर दिया जाएगा। इसके अलावा ऐसे क्षेत्र जो आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र है। अच्छे स्तर के कॉलेज और विवि बहुत दूरी पर हैं। ऐसे तीन निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक का प्रस्ताव लाया जाएगा।
कुलाधिपति होंगे हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
खंडवा में सीव्ही रमन विवि, छतरपुर में श्रीकृष्णा विवि और बालाघाट में सरदार पटेल विवि के निजी विवि के लिए हम सदन में विधेयक लाएंगे। उन्होंने बताया कि जबलपुर में खुलने वाले नए विधि विश्वविद्यालय और भोपाल के विवि दोनों में कुलाधिपति हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे। तमाम अधिकार उनको प्राप्त होंगे। राज्य सरकार की भूमिका सिर्फ कुलाधिपति के निर्देश पर जांच की भूमिका होगी। इसमें किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना नहीं है।