नई दिल्ली। नोटबंदी और GST की वजह से ही नहीं, बल्कि REAL ESTATE INDUSTRIES पिछले 5 सालों से घरों की कम बिक्री से जूझ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान देश के बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 40 फीसदी तक की गिरावट आई है. यह गिरावट सबसे ज्यादा दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिल गई है. रियल इस्टेट फर्म एनारॉक ने यह रिपोर्ट जारी की है. कंपनी ने 2013 से लेकर 2017 तक DOMESTIC PROPERTY की बिक्री की रफ्तार का विश्लेषण किया है. इसके मुताबिक इस दौरान घर खरीदने में लोगों की रुचि कम दिखी है. इसके चलते दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में बिक्री घटी है.
कंपनी ने बताया कि पिछले साल 2,02,800 घर ही बेचे गए हैं. कंपनी ने इस रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर , मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR), पुणे, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु में पिछले 5 साल में बेचे गए घरों का विश्लेषण किया है. इसका मुख्य वजह दिल्ली-एनसीआर के आवासीय बाजार में आ रही तेज गिरावट को बताया जा रहा है. एनारॉक के मुताबिक साल 2013 और 2014 के दौरान औसत 3.3 लाख मकान बेचे गए. सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में ही इस दौरान 1,16,250 घर बेचे गए थे. लेकिन 2017 में यह आंकड़ा मात्र 36,600 पर आ गया. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी के मुताबिक 2013 और 2014 में आखिरी बार इस उद्योग में तेजी देखी गई. उसके बाद से ही आवासीय बाजार में गिरावट का दौर शुरू हो गया था.
तब से लेकर अब तक इस बाजार में उछाल नहीं देखने को मिल रहा है. उनके मुताबिक आगे भी रियल इस्टेट बाजार के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं लेंगी. बिक्री सुस्त रहने की आशंका जताई है.
बता दें कि नवंबर, 2016 में हुई नोटबंदी का असर भी रियल इस्टेट पर देखने को मिला था. इसकी वजह से भी घरों की बिक्री में काफी बड़े स्तर पर गिरावट आई थी. नोटबंदी के बाद जीएसटी के लागू होने से बिल्डरों के लिए नई मुसीबतें खड़ी हुईं. इन दोनों बड़े बदलावों ने भी कहीं-न-कहीं रियल इस्टेट को धक्का दिया है.