लंदन। विजय माल्या की 93 मिलियन डॉलर (करीब 603 करोड़ रु.) की सुपरयाट (नौका) को माल्टा में जब्त कर लिया गया। इसकी वजह उनका क्रू मेंबर्स को एक मिलियन डॉलर (करीब 6.5 करोड़ रु.) की सैलरी न चुकाना बताया गया है। माल्या पर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। वे मार्च 2016 में भारत से चले गए थे। फिलहाल वे लंदन में हैं। भारत ने उन्हें भगोड़ा करार दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, याट पर 40 से ज्यादा क्रू मेंबर सवार थे, जिसमें कई भारतीय, ब्रिटेन और पूर्व यूरोपीय देशों के लोग हैं। इन लोगों को बीते सितंबर से तनख्वाह नहीं मिली है। 95 मीटर लंबी माल्या की इस याट का नाम इंडियन एम्प्रेस है। फिलहाल याट के माल्टा पोर्ट छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है।
मैरीटाइम यूनियन नॉटिलस इंटरनेशनल के स्ट्रेटजिक ऑर्गनाइजर डैनी मैकगोवन ने कहा, "हमारे सदस्यों ने जहाज पर अपने मालिक को मासिक वेतन का भुगतान करने के लिए कई मौके दिए। इस तरह के हालात में वे ज्यादा वफादारी और संयम प्रदर्शित करते दिखाई देंगे। हमने याट की इंश्योर्ड कंपनी से नियमों के तहत 6 लाख 15 हजार डॉलर तो ले लिए हैं, लेकिन अभी भी एक बड़ी रकम चुकाई जानी बाकी है। हालांकि माल्या की तरफ से इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है।
लंदन में है माल्या, भारत ने की थी प्रत्यर्पण की मांग
2 मार्च 2016 से ही माल्या लंदन में रह रहे हैं। ईडी और सीबीआई को विजय माल्या की तलाश थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) से जुड़े एक मामले में मुंबई की स्पेशल कोर्ट माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुकी थी। माल्या का पासपोर्ट भी रद्द किया गया था। फरवरी 2017 में भारत ने यूके से माल्या की वापसी के लिए रिक्वेस्ट भेजी थी।
इसके बाद मार्च में ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने लंदन में अरुण जेटली से प्रोटोकॉल तोड़कर मुलाकात की थी। इस मुलाकात में माल्या को भारत को सौंपने पर चर्चा हुई थी। मार्च में ही यूके ने भारत को बताया था कि उसकी रिक्वेस्ट को फॉरेन मिनिस्ट्री ने सर्टिफाई कर दिया है।
यूके गवर्नमेंट ने आगे की कार्रवाई के लिए केस को डिस्ट्रिक्ट जज के पास भेजा। इसके बाद माल्या को एक्स्ट्राडिशन वारंट पर बीते अप्रैल अरेस्ट किया गया। वारंट जारी होने के बाद विजय माल्या खुद सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन पहुंचे थे।