भोपाल। सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुका है कि भारत में एक भी मौत भूख के कारण नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो संबंधित जिले के डीएम/कलेक्टर को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी बावजूद इसके भूख से मौतों के मामले सामने आ रहे हैं। चंबल संभाग के भिंड जिले में 2 साल की मासूम बच्ची की भूख से मौत का मामला सामने आया है। भिंड की लोकल मीडिया से आ रही खबर के अनुसार शिवपुरी निवासी मजदूर कल्याण सिंह दो वक्त की रोटी की तलाश में अपने परिवार को लेकर भिंड आया था। कल्याण सिंह को यहां एक ठेकेदार ने काम तो दिया परंतु मजदूरी नहीं दी। आर्थिक तंगी के चलते परिवार के पास 2 वक्त का खाना नहीं था। पिछले 2 दिन से घर में अन्न का दाना तक नहीं था। 2 साल की बच्ची भी भूखी थी। जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ गई। पैसों का इंतजाम न होने से बच्ची का इलाज भी नहीं हो सका और बच्ची ने तड़प तड़पकर दम तोड़ दिया।
जिस ठेकेदार के यहां मासूम का परिवार मजदूरी कर रहा था, उसने 20 दिनों से मजदूरों को पैसे नहीं दिए थे। बच्ची के बीमार होने के बाद पीड़ित परिवार उसे लेकर सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचा, लेकिन छुट्टी होने की वजह से वहां उसे कोई नहीं मिला। हालांकि परिवार को देख एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर कलेक्टर को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम को पीड़ित परिवार की सुध लेने के लिए भेजा। बाद में बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद पहुंचे कलेक्टर
बच्ची की मौत की खबर मिलते ही कलेक्टर ईलैया राजा टी और एसडीएम संतोष तिवारी जिला अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवार का हाल जाना। प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवार को दस हजार रुपये की सहायता राशि दी गई, साथ ही अन्य मजदूर परिवार के बच्चों को जिला अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केन्द्र मे आसरा दिया गया। प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।