भोपाल। शुक्रवार शाम 5 बजे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 5000 इंजीनियर्स को एक साथ गिरफ्तार किया गया। माता मंदिर से टीनशेड की ओर जाने वाले रास्ते को अस्थाई खुली जेल घोषित किया गया। सभी इंजीनियर्स अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिए आए थे। वो सीएम शिवराज सिंह चौहान पर अन्याय करने और वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे थे। दोपहर 3 बजे के करीब यहां 10 हजार इंजीनियर्स मौजूद थे जो विधानसभा का घेराव करने आगे बढ़ रहे थे।
माता मंदिर से टीन शेड की ओर जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर सभी को रोक दिया। आंदोलनकारियों ने वहीं मेन रोड पर धरना दे दिया और सभा करने लगे। एक वाहन की छत पर सवार आंदोलनकारियों के नेतृत्वकर्ता माइक पर भाषण दे रहे थे। सिर पर गांधी टोपी लगाए, हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों के तेवर देखकर पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया था। शाम पांच बजे के बाद आंदोलनकारियों ने गिरफ्तारी दी। पुलिस ने वहीं इन्हें अस्थाई जेल बनाकर गिरफ्तार किया, फिर रिहा कर दिया। संगठन ने पांच हजार लोगों की गिरफ्तारी का दावा किया है।
मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा पांच सूत्रीय मांगों को लेकर नौ दिन से बारह दफ्तर परिसर में धरना जारी है। दोपहर दो बजे आंदोलनकारियों ने बारह दफ्तर से रैली निकाली। इसे वादा निभाओ रैली नाम दिया गया था। सभा को प्रांताध्यक्ष देवेंद्र सिंह भदौरिया, महामंत्री आरकेएस तोमर, धर्मेंद्र सिंह तोमर समेत कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि चार सालों से मांगें लंबित हैं। मांगें नहीं मानी गईं तो 20 मार्च से भूख हड़ताल करेंगे। 26 मार्च से काम बंद हड़ताल की जाएगी।
ये हैं इनकी प्रमुख मांगें
ग्रेड पे 3200 से 4200 रु. किया जाए।
संविदा सब इंजीनियर्स को रेगुलर किया जाए।
पूरे सेवा काल में एक अनिवार्य प्रमोशन दिया जाए।