भोपाल। मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड की मनमानी देखिए। उसके पास मेंटेनेंस के लिए स्टाफ ही नहीं है। सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें निराकरण का इंतजार कर रहीं हैं। साल भर में एक औपचारिकता भी पूरी नहीं की जा रही और ग्राहकों से 30 से 40 हजार रुपये कॉमन सर्विस चार्ज (सीएससी) वसूला जा रहा है, इतना ही नहीं सीएससी चुका चुके लोगों को दोबारा नोटिस भी थमाया जा रहा है। इस मामले को लेकर रहवासियों ने हाउसिंग बोर्ड में शिकायत भी की, लेकिन कोई नजीता नहीं निकला।
मामला नेहरू नगर स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी डी सेक्टर (जूनियर एमआईजी) का है। यहां के अधिकांश रहवासियों को सीएससी चुकाने के लिए नोटिस भेजा गया है। रहवासी आशीष पोद्दार ने बताया कि उन्होंने 2010 में नामांतरण के समय ही पूरा सीएससी चुकता कर दिया था। वहीं अब 15 प्रतिशत की दर से दोबारा ब्याज वसूली के लिए नोटिस भेजा गया है। साथ ही बिना किसी सूचना के हाउसिंग बोर्ड ने सीएससी तीन गुना तक बढ़ा दिया। जबकि, मेंटेनेंस के नाम पर कॉलोनी में कोई काम नहीं किया गया है। गौरतलब है कि बोर्ड साल 1998 तक 360 रुपया प्रतिवर्ष सीएससी चार्ज करता था, लेकिन इसके बाद अचानक बिना पूर्व सूचना के यह चार्ज 900 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया।
कोई सविधा नहीं दी
हाउसिंग बोर्ड सीएससी की राशि से नाली, गटर का रखरखाव, सड़क और लाइट की व्यवस्था करता है। रहवासियों के मुताबिक बोर्ड ने अब तक इनमें से एक भी काम को पूरा नहीं किया। वहीं सभी रहवासी नगर निगम को जल कर और संपत्ति कर चुकाते है और निगम द्वारा ही कॉलोनियों का रखरखाव किया जा रहा है।
रहवासियों की गुहार पर नहीं सुनवाई
हाउसिंग बोर्ड में की गई शिकायतों पर सुनवाई नहीं होने के बाद रहवासियों ने क्षेत्रीय विधायक उमाशंकर गुप्ता से गुरूवार को मुलाकात की। करीब 50 रहवासियों ने उन्हें समस्या से अवगत कराते हुए ज्ञापन भी सौंपा। जानकारी के अनुसार विधायक गुप्ता ने भी मामले पर हाउसिंग बोर्ड से ही बातचीत करने की सलाह दी है।
भूल-चूक लेनी-देनी लिखा तो है
रहवासियों ने बताया कि जब दोबारा सीएससी वसूली की शिकायत के लिए हाउसिंग बोर्ड के संपदा अधिकारी सुनील चेलीनी से संपर्क किया गया तो उन्होंने फार्म पर लिखे भूल चूक लेने देनी की बात कही।